November 24, 2024
National

केदारनाथ में फंसे 200 से ज्यादा श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया

देहरादून, 1 अगस्त। उत्तराखंड में बुधवार को रुद्रप्रयाग में हुई भारी बारिश के बाद केदारनाथ धाम में भीमबली में बादल फटने से लगभग 30 मीटर पैदल मार्ग पूरी तरह
नष्ट हो गया है। इस घटना के बाद कई श्रद्धालु केदारनाथ धाम और उसके मार्ग में अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को टिहरी जनपद के बाद रुद्रप्रयाग जनपद की केदारघाटी का हवाई और स्थलीय निरीक्षण कर वर्तमान स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने श्रद्धालुओं से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उन्होंने जिलाधिकारी को सभी श्रद्धालुओं को जल्द से जल्द रेस्क्यू करने, फूड पैकेट्स, पानी, चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

सीएम धामी ने कहा कि क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों का सुधारीकरण का कार्य किया जा रहा है। लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया जा रहा है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केदारघाटी में तैनात रेस्क्यू टीमों की सराहना करते हुए कहा कि आपदा के बाद गुरुवार सुबह 7 बजे से टीम लगातार रेस्क्यू अभियान में जुटी है। यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।

जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने कहा कि प्रशासन सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं सुगम यात्रा के लिए प्रतिबद्ध है। भूस्खलन के चलते विभिन्न स्थानों पर बाधित मार्गों को खोलने के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है। क्षतिग्रस्त रास्तों एवं पुलों को तत्परता से दुरुस्त किया जा रहा है। इस समय लिंचोली हेलीपैड से हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू कार्य प्रारंभ करते हुए यात्रियों को सिरसी हेलीपैड पर सुरक्षित लाया जा रहा है। अब तक कुल 240 यात्रियों का रेस्क्यू कर लिया गया है। लिंचोली में फंसे लोगों को निकाले जाने के बाद भीमबली स्थित हेलीपैड से यात्रियों को सुरक्षित निकाला जाएगा।

इसके अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला आपदा प्रबंधन एवं जिला पुलिस के स्तर से पैदल मार्ग में अलग-अलग स्थानों पर फंसे यात्रियों को पहाड़ियों के बीच अस्थायी रास्ता तैयार करके सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है। यह कार्य निरंतर जारी है। अब तक गौरीकुंड से 400 लोगों का सुरक्षित निकाल लिया गया है। यह कार्य निरंतर जारी है।

Leave feedback about this

  • Service