फरीदाबाद, 30 जून शिक्षा विभाग जिले के अधिकांश सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। फरीदाबाद में जिला शिक्षा विभाग का कार्यालय। जिले के 380 स्कूलों में 31.66 प्रतिशत पद रिक्त हैं। इनमें वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों (पीजीटी) के 37.10 प्रतिशत पद और जिले के प्राथमिक, मध्य और उच्च विद्यालयों में 29.67 प्रतिशत शिक्षक शामिल हैं। वर्तमान में, जिले में लगभग 99 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय और 281 प्राथमिक, मध्य और उच्च विद्यालय हैं। शिक्षा विभाग के सूत्रों ने कहा कि खराब भर्ती और पदोन्नति नीति के कारण पिछले कई वर्षों से शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की कमी है। 1,811 पीजी शिक्षकों (पीजीटी) के कुल स्वीकृत पदों में से 672 पद अभी भी भरे जाने हैं, जिससे ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम को पढ़ाने और कवर करने से संबंधित समस्याएं व्याप्त हैं।
उठाए जा रहे कदम जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार ने कहा कि मामला पहले ही विभागीय अधिकारियों के ध्यान में लाया जा चुका है तथा समस्या के समाधान के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
ट्यूशन पर निर्भरता जिले में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां विज्ञान, गणित और अंग्रेजी शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं और विद्यार्थियों को अपना पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए निजी ट्यूशन या कोचिंग पर निर्भर रहना पड़ता है।
परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव पिछले कई वर्षों से स्टाफ की कमी के कारण स्कूल के परिणाम व विभिन्न कक्षाओं में नामांकन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। – चतर सिंह, जिला अध्यक्ष, हरियाणा प्राथमिक शिक्षक संघ
सूत्रों ने बताया कि नियमित पदों के मुकाबले केवल 1,024 शिक्षक ही काम कर रहे हैं और 103 शिक्षक विभाग में अतिथि शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं। हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के माध्यम से 12 अन्य पीजी शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। 99 स्कूलों में तैनात शिक्षकों की कुल संख्या लगभग 1,127 है।
सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालयों में भी ऐसी ही स्थिति है, जहां स्वीकृत 4,951 पदों के मुकाबले कार्यरत शिक्षकों की संख्या 3,482 है। नाम न बताने की शर्त पर एक शिक्षक ने बताया, “जिले में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां विज्ञान, गणित और अंग्रेजी के शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं और छात्रों को अपना पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए निजी ट्यूशन या कोचिंग पर निर्भर रहना पड़ता है।” हरियाणा प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष चतर सिंह ने बताया, “जिले के सरकारी स्कूलों में नामांकित छात्रों की कुल संख्या करीब 2.5 लाख बताई जाती है। पिछले कई सालों से स्टाफ की कमी के कारण स्कूल के नतीजों और विभिन्न कक्षाओं में नामांकन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।” जिला शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि मामला पहले ही विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में लाया जा चुका है और समस्या के समाधान के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।