N1Live Uttar Pradesh 10 साल की सरकार में मां गंगा की सफाई नहीं हो पाई : अखिलेश यादव
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10 साल की सरकार में मां गंगा की सफाई नहीं हो पाई : अखिलेश यादव

Mother Ganga could not be cleaned in 10 years of government: Akhilesh Yadav

लखनऊ, 21 मई । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को नदी की सफाई को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपाई चाहें तो समाजवादियों से नदी की सफाई की ट्यूशन ले सकते हैं।

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार के समय हुए गोमती रिवरफ्रंट की स्वच्छता और सौंदर्यीकरण के उदाहरण को समझने के लिए समाजवादियों को बुलाकर ‘गेस्ट लेक्चर’ आयोजित कर निःशुल्क सीख भी ले सकते हैं। नदी जीवन देती है, किसी का जीवन लेती नहीं है। अब यमुना पर सिर्फ सियासत होगी या नदी की सफाई की जगह केवल फंड का सफाया होगा? याद रहे यही यमुना नदी ताजमहल के पीछे बहती है, जहां दुनिया भर से टूरिस्ट आते हैं। प्रदूषित नदी सरकार की छवि को भी दूषित कर रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने नदियों के नाम से कई बार ठगा है। ‘नमामि गंगे’ न जाने कहां चला गया है और अब यमुना की सफाई के नाम पर नदी का ‘जंतु और पादप’ जीवन ही चर्चा का विषय बन गया है।

सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा सरकार विकास विरोधी है। इसने जनता से किए किसी वादे को पूरा नहीं किया। नदियों की सफाई नहीं हुई। इस सरकार में केवल भ्रष्टाचार और लूट है। बजट की बंदरबांट है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने नदियों की सफाई का वादा किया था, लेकिन वादा पूरा नहीं किया। नदियों की सफाई के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। नदियों की सफाई के लिए समाजवादी सरकार में किए जा रहे कार्यों को भाजपा सरकार ने रोक दिया। इस सरकार ने समाजवादी सरकार में हुए गोमती रिवरफ्रंट के कार्य को भी पूरा नहीं होने दिया। द्वेष भावना के चलते उसे रोक दिया।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने गोमती नदी पर विश्वस्तरीय रिवरफ्रंट बनाकर नदियों की सफाई के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया था कि इसी तरह से प्रदेश की अन्य नदियां भी साफ हो सकती हैं। इस सरकार ने गंगा नदी की सफाई को लेकर बड़े-बड़े वादे किए। लेकिन, 10 साल की सरकार में मां गंगा की सफाई नहीं हो पाई। स्थिति जस-की-तस है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के अध्ययन के अनुसार गंगा में रासायनिक प्रदूषण से जलीय जीवों की कई प्रजातियों के लुप्त होने का खतरा पैदा हो गया है। मां गंगा की सफाई के नाम पर हजारों करोड़ के बजट की लूट हो गई।

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