सांसद (राज्यसभा) श्री संजीव अरोड़ा ने नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा हलवारा हवाई अड्डे पर काम में तेजी लाने का अनुरोध किया।
उन्होंने यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि बैठक के दौरान उन्होंने रक्षा मंत्री को हलवारा हवाई अड्डे पर हवाई पट्टी के चल रहे रिलेइंग कार्य के बारे में अवगत कराया, जिसका संचालन भारतीय वायु सेना (आईएएफ) द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना हवाई अड्डे की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने और नागरिक उड्डयन गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने रक्षा मंत्री को बताया कि वे इस परियोजना की प्रगति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और नियमित रूप से साइट का दौरा कर रहे हैं तथा लुधियाना के उपायुक्त, लुधियाना के हवाई अड्डा निदेशक, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के प्रतिनिधियों, भारतीय वायु सेना के अधिकारियों, राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और अन्य संबद्ध एजेंसियों के साथ बैठकें कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “हमारे सामूहिक प्रयासों के बावजूद, भारतीय वायुसेना की ओर से कुछ कार्य, अनुमोदन और औपचारिकताएँ लंबित हैं, जो परियोजना के पूरा होने में देरी का कारण बन रही हैं।” हवाई अड्डे के सिविल हिस्से में 100 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। भारतीय वायुसेना की ओर से लंबित काम पूरा होने के बाद हलवारा हवाई अड्डा चालू हो जाएगा।
श्री अरोड़ा ने रक्षा मंत्री से अनुरोध किया कि वे भारतीय वायुसेना के संबंधित अधिकारियों को आवश्यक मंजूरी और औपचारिकताएं शीघ्र पूरी करने के निर्देश दें। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हलवारा हवाई अड्डे पर नागरिक परिचालन जल्द से जल्द शुरू हो सके, जिससे क्षेत्र की कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को लाभ मिलेगा।
रक्षा मंत्री ने तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया है तथा संबंधितों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि श्री अरोड़ा ने इस वर्ष अगस्त में एन. चंद्रशेखरन, चेयरमैन, टाटा संस, जो कि होल्डिंग कंपनी है और टाटा समूह की सभी कंपनियों का प्रमोटर है, द्वारा भेजी गई एक उच्च स्तरीय टीम के साथ निकट भविष्य में हलवारा में बनने वाले हवाई अड्डे का पूरा काम पूरा होने के बाद, वहां से उड़ानें शुरू करने की संभावनाओं के संबंध में बैठक की थी।
इस दौरान श्री अरोड़ा ने दोहराया कि हलवारा हवाई अड्डे पर एक बार में 300 यात्रियों को लाने-ले जाने की क्षमता है। भविष्य में हवाई अड्डे के विस्तार की भी व्यवस्था है। एक समय में दो बड़े विमान पार्क किए जा सकते हैं।
श्री अरोड़ा ने दोहराया कि हवाई अड्डा परियोजना पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ है, जिन्होंने इसके लिए धनराशि स्वीकृत की है।
हवाई अड्डे का निर्माण 161.28 एकड़ क्षेत्र में किया जा रहा है। इस क्षेत्र में निर्मित टर्मिनल क्षेत्र 2,000 वर्ग मीटर है। भूमि को छोड़कर कुल सिविल टर्मिनल लागत लगभग 70 करोड़ रुपये है।
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