June 3, 2025
Punjab

सांसद गुरजीत सिंह औजला ने प्रधानमंत्री मोदी से अमृतसर को ‘युद्ध-मुक्त क्षेत्र’ घोषित करने का आग्रह किया, स्वर्ण मंदिर के लिए स्थायी सुरक्षा की मांग की

अमृतसर (पंजाब), 3 जून, 2025: सिख धर्म के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक की सुरक्षा से संबंधित एक महत्वपूर्ण कदम के तहत, अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि अमृतसर को “युद्ध-मुक्त क्षेत्र” घोषित किया जाए।

उन्होंने श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) के लिए स्थायी, गैर-राजनीतिक सुरक्षा व्यवस्था की भी मांग की है। यह अपील हाल ही में आई उन खतरनाक रिपोर्टों के बाद आई है, जिनमें कहा गया है कि पाकिस्तानी वायु सेना ने श्री हरमंदिर साहिब को निशाना बनाने का प्रयास किया है।

भारतीय सेना के एक उच्च अधिकारी, मेजर जनरल ने हाल ही में दावा किया था कि ऐसा प्रयास किया गया था – जिससे पूरे भारत में सिखों और वैश्विक प्रवासी समुदाय में गहरी चिंता पैदा हो गई थी।

“श्री हरमंदिर साहिब वैश्विक शांति का प्रतीक है”

अपने पत्र में सांसद औजला ने इस बात पर जोर दिया कि श्री हरमंदिर साहिब एक धार्मिक स्थल से कहीं अधिक है – यह दुनिया भर के लाखों सिखों के लिए एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह इस स्थान की पवित्रता और तटस्थता को मजबूत करते हुए इस मंदिर को सभी राजनीतिक और सैन्य खतरों से बचाए।

औजला ने कहा, “श्री हरमंदिर साहिब विश्व शांति का प्रतीक है। इसकी सुरक्षा केवल भारत की ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की जिम्मेदारी है।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मंदिर की सुरक्षा एक वैश्विक जिम्मेदारी है और मांग की कि इसकी सुरक्षा को कभी भी बदलते राजनीतिक परिदृश्य या राष्ट्रीय सुरक्षा तनावों के अधीन नहीं किया जाना चाहिए।

पृष्ठभूमि: सैन्य खुलासे के बाद बढ़ी चिंताएं

यह मामला तब और बढ़ गया जब भारतीय सेना के एक अधिकारी ने सार्वजनिक रूप से खुलासा किया कि पाकिस्तान ने संभवतः श्री हरमंदिर साहिब को लक्ष्य के रूप में चिन्हित किया है। हालांकि रक्षा मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इस दावे ने धार्मिक और राजनीतिक दोनों हलकों में चिंता पैदा कर दी है।

औजला के पत्र में यह सुनिश्चित करने की मांग की गई है कि दीर्घकालिक, गैर-राजनीतिक सुरक्षा तंत्र स्थापित किए जाएं और आध्यात्मिक स्थल को औपचारिक रूप से असैन्यीकृत क्षेत्र के रूप में मान्यता दी जाए, ताकि इसे युद्ध या संघर्ष के खतरे से बचाया जा सके।

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