N1Live Uttar Pradesh सांसद प्रमोद तिवारी ने दोहराई राहुल गांधी की मांग, बोले ‘पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुलाई जाए सर्वदलीय बैठक’
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सांसद प्रमोद तिवारी ने दोहराई राहुल गांधी की मांग, बोले ‘पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुलाई जाए सर्वदलीय बैठक’

MP Pramod Tiwari reiterated Rahul Gandhi's demand, said 'An all-party meeting should be called under the chairmanship of PM Modi'

लखनऊ,13 मई । लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खत की बात को दोहराते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद प्रमोद तिवारी ने मांग की है कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए।

सोमवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कांग्रेस सांसद ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी शामिल नहीं हुए थे। सीजफायर जिस तरह से किया गया है, हमें बेहद दुख है। इसीलिए हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक सर्वदलीय बैठक आयोजित की जाए और भारतीय संसद का सत्र बुलाया जाए। सरकार बताए कि किन परिस्थितियों में सीजफायर करना पड़ा।

उन्होंने आगे कहा कि युद्ध जैसी स्थिति में, ऐसे महत्वपूर्ण समय में, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार के साथ हैं। भारतीय सेना की प्रेस ब्रीफिंग पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि मैं भारतीय सेना को सलाम करता हूं, उनकी बहादुरी, अनुशासन और समर्पण वाकई सराहनीय है। हमने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारतीय सेना का समर्थन किया है और करते रहेंगे। मैं उनके साहस और वीरता को नमन करता हूं और सेना आपसे जो भी कहे, मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि अपना जज्बा जिंदा रखिए।

कांग्रेस नेताओं की ओर से पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की फोटो पोस्ट करने पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि कल मदर्स डे था। इंदिरा गांधी बहुत याद आईं। 1971 में अमेरिका ने उन्हें रोकने की कोशिश की। लेकिन, इंदिरा गांधी नहीं रुकीं। जब तक उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े नहीं करा दिए और बांग्लादेश नहीं बना, 93 हजार सैनिकों का जब तक आत्मसमर्पण नहीं किया। भारत की सेना आगे बढ़ती रही और इंदिरा गांधी रुकी नहीं।

उन्होंने कहा कि भारत-पाक के बीच सीजफायर की घोषणा के बारे में जानकारी दिल्ली से नहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया पोस्ट से पता चलती है। भारत सरकार बताए कि यह अमेरिका की ओर से सूचना थी या फिर आदेश था। अगर अमेरिका मध्यस्थता कर सकता है तो उसने रूस और यूक्रेन के युद्ध में क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सीजफायर की घोषणा हुई, हम इससे काफी दुखी हैं।

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