राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू ने मुगल बादशाह औरंगजेब की प्रशंसा करने पर कांग्रेस नेताओं की कड़ी निंदा करते हुए इसे सिख बलिदानों का अपमान बताया।
प्रदेश प्रवक्ता प्रीतपाल सिंह बलियावाल और प्रदेश मीडिया प्रमुख विनीत जोशी के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए संधू ने मांग की कि कांग्रेस सांसद इमरान मसूद, पूर्व सांसद राशिद अल्वी और दानिश अली तुरंत अपनी टिप्पणी वापस लें।
उन्होंने इस मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस के सिख सांसदों और विधायकों की चुप्पी की आलोचना की और अपने समुदाय के इतिहास की रक्षा करने में उनकी विफलता पर सवाल उठाया। संधू ने कहा, “ये कांग्रेस नेता औरंगजेब के अत्याचारों को छुपा रहे हैं और श्री गुरु तेग बहादुर के सर्वोच्च बलिदान की अवहेलना कर रहे हैं।”
संधू ने उन दावों को खारिज कर दिया कि औरंगजेब क्रूर नहीं था और इतिहासकारों ने इसे गलत तरीके से पेश किया है। उन्होंने सवाल किया, “चांदनी चौक, श्री आनंदपुर साहिब, श्री चमकौर साहिब और श्री फतेहगढ़ साहिब का इतिहास उसकी क्रूरता का सबूत है। औरंगजेब के जुल्म के खिलाफ श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जफरनामा में बताई गई सच्चाई को कोई कैसे नकार सकता है?”
उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) सहित सिख संगठनों से इन बयानों के खिलाफ खड़े होने का आग्रह किया और कहा कि एसजीपीसी फिल्मों में छोटे-मोटे मुद्दों पर तुरंत प्रतिक्रिया देती है, लेकिन इस मामले पर चुप रही है।
संधू ने बलियावाल और जोशी के साथ मिलकर पंजाबियों से इतिहास को फिर से लिखने और औरंगजेब के अपराधों को छिपाने के किसी भी प्रयास को अस्वीकार करने की अपील की तथा इस बात पर बल दिया कि सिखों के बलिदान को हमेशा याद रखा जाना चाहिए।
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