October 7, 2024
National

एमपी के नए सीएम मोहन यादव ने पहले की सरकार की बुलडोजर कार्रवाई को बढ़ाया आगे

भोपाल, 15 दिसंबर । नवनियुक्त मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मध्य प्रदेश में अपने पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई बुलडोजर कार्रवाई की राजनीति को आगे बढ़ाया।

बुधवार को मोहन यादव के पदभार संभालने के एक दिन बाद भोपाल स्थित भाजपा कार्यकर्ता पर कथित तौर पर हमला करने वाले तीन लोगों के घरों पर बुलडोजर चला दिया गया। यह नई सरकार के तहत इस तरह की पहली बुलडोजर कार्रवाई है।

5 दिसंबर को (मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के दो दिन बाद), एक भाजपा कार्यकर्ता देवेंद्र सिंह ठाकुर पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद से जुड़े लोगों के एक समूह ने हमला किया। ठाकुर पर तलवार से हमला किया गया, इससे उनके हाथ पर गहरी चोटें आईं।

घटना के बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वी.डी.शर्मा समेत कई बीजेपी नेता मौके पर पहुंचे थे और आश्वासन दिया था कि आरोपी को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

पांच आरोपियों – फारुख, असलम, शाहरुख, बिलाल और समीर को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर हत्या के प्रयास सहित आईपीसी के कई आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया। उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।

गुरुवार को भोपाल में भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में तीन आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाया गया। मध्य प्रदेश में मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह बुलडोजर का पहला प्रयोग है।

इससे पहले भी शिवराज सरकार के दौरान कानून व्यवस्था का उल्लंघन करने वाले कई आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाया गया था।

पदभार संभालने के बाद से नए सीएम एक के बाद एक फैसले ले रहे हैं।

सीएम ने शहरी क्षेत्रों में खुले में मांस और मछली की बिना लाइसेंस खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का भी आदेश दिया, हर जिले में ‘पीएम एक्सीलेंस कॉलेज’ की घोषणा की, ‘आदतन अपराधियों’ की जमानत रद्द करने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी, प्रमाण पत्र अपलोड करना अनिवार्य होगा और डिजीलॉकर पर मार्कशीट, और तेंदूपत्ता भुगतान में 4,000 रुपये की बढ़ोतरी का आदेश दिया।

सबसे ज्यादा चर्चा सीएम मोहन यादव के शोर-शराबा खत्‍म करने के आदेश को लेकर है। ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर/डीजे) का उपयोग निर्धारित मानकों के अंतर्गत ही किया जा सकेगा, इसकी जांच के लिए सभी जिलों में उड़नदस्ता दल का गठन किया जायेगा।

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