तिरुवनंतपुरम, 24 जनवरी । भारत के ग्रैंड मुफ्ती शेख अबुबक्र अहमद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर अल्पसंख्यक समुदायों के लिए उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति (हायर एजुकेशन स्कॉलरशिप) में गंभीर अनियमितताओं को उजागर किया है।
ग्रैंड मुफ्ती ने छात्रों को प्रभावित करने वाले मुद्दों, विशेष रूप से शोध छात्रों के लिए मौलाना आज़ाद नेशनल स्कॉलरशिप को बंद करने के फैसले को बदलने की मांग की है।
मुफ्ती शेख अबुबक्र अहमद का कहना है कि वर्तमान परिदृश्य से छात्रों को दिए गए आश्वासनों और धन के वास्तविक वितरण के बीच अंतर का पता चलता है, जिससे वित्तीय सहायता की उम्मीद के साथ देश के प्रमुख संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने वाले लोग प्रभावित हो रहे हैं।
अल्पसंख्यक मंत्रालय ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आर्थिक विकास निगम को स्कॉलरशिप वितरित करने का काम सौंपा है। निगम ने मंत्रालय से धन प्राप्त करने के अपने संघर्ष को स्वीकार किया है।
वह आगे बताते हैं कि जहां ओबीसी-एससी-एसटी के लिए जेआरएफ और नेशनल फेलोशिप जैसी स्कॉलरशिप में वृद्धि देखी गई है, वहीं अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप में वृद्धि की कमी या अतिदेय बकाया का भुगतान भेदभाव का सवाल उठाता है।
पत्र में ईसाई, मुस्लिम, सिख और पारसी समुदायों से संबंधित छात्रों की दुर्दशा पर भी जोर दिया गया है। इन मुद्दों को हल करने और शिक्षा प्राप्त करने में उनके सामने आने वाली चुनौतियों को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया गया है।