वाराणसी, 12 अप्रैल । मुंबई 26/11 आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण हो चुका है। मुंबई आतंकी हमले में अपने पति को खो चुकी वाराणसी की सुनीता यादव ने सरकार से राणा को फांसी देने की मांग की है।
हमले के दिन सुनीता यादव अपने परिवार के साथ मुंबई से वाराणसी आने के लिए रेलवे स्टेशन पर अपनी ट्रेन का इंतजार कर रही थीं। उसी समय आतंकवादियों ने हमला कर दिया। इस हमले में सुनीता, उनके भाई और उनकी बेटी घायल हो गईं, जबकि पति की मौत हो गई। गुरुवार को तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर उन्होंने सरकार से उसे फांसी दिलाने की मांग की है।
पीड़िता ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “हमारी सरकार से अपील है कि आरोपी तहव्वुर राणा को जल्द से जल्द फांसी की सजा सुनाई जाए। अजमल कसाब की तरह उसे ज्यादा दिन तक न रखा जाए।”
26/11 के घटनाक्रम को याद करते हुए उन्होंने बताया, “मैं अपने भाई, पति और तीन महीने की छोटी बच्ची के साथ स्टेशन पर थी। हमले में भाई और पति को गोली लगी, जबकि बेटी और हमारे शरीर में ग्रेनेड का हिस्सा लगा। हमले में भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। पति की मौत हो गई, वहीं बेटी के शरीर में बुरी तरह से कांच के टुकड़े चले गए थे, जिसे बाद में निकाला गया। उसके सिर में अब भी कांच का टुकड़ा मौजूद है। मेरे शरीर में भी काफी कांच है।”
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2008 की रात को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ हमले किए थे। इसमें 164 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए। आतंकवादियों ने भारतीयों और अन्य देशों के नागरिकों की हत्या की। मृतकों में इजरायल के चार नागरिक भी शामिल थे।
नौ आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया, जबकि अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया, जिसे बाद में फांसी की सजा हुई।
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