N1Live National मुंबई: न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक घोटाले की जांच में एक और स्कैम का खुलासा, ईओडब्ल्यू ने 12 लोगों के खिलाफ दर्ज की एफआईआर
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मुंबई: न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक घोटाले की जांच में एक और स्कैम का खुलासा, ईओडब्ल्यू ने 12 लोगों के खिलाफ दर्ज की एफआईआर

Mumbai: Another scam revealed in the investigation of New India Cooperative Bank scam, EOW filed FIR against 12 people

मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में 24.93 करोड़ रुपये के आर्थिक घोटाले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में बैंक के तत्कालीन वाइस चेयरमैन हीरेन भानु और उनकी पत्नी व कार्यवाहक चेयरपर्सन गौरी भानु सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 418 (धोखाधड़ी) और 120(बी) (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

ईओडब्ल्यू ने जांच के दौरान पाया कि बैंक में 122 करोड़ रुपये के गबन के मामले की जांच के बीच एक और बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें करीब 400 करोड़ रुपये के लोन को वन-टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) के जरिए बंद किया गया। इस प्रक्रिया में बैंक अधिकारियों को कथित तौर पर मोटी रकम किकबैक के रूप में मिलने का संदेह है। पुलिस के मुताबिक, 274 लोन अकाउंट्स में ओटीएस दिया गया, जिनमें से 176 अकाउंट्स में 1 करोड़ रुपये से अधिक के लोन शामिल थे। ये सेटलमेंट्स बिना किसी पारदर्शिता के और संदिग्ध तरीके से किए गए, जिसने जांच एजेंसियों का ध्यान खींचा।

पुलिस ने बताया कि गहन जांच में सामने आया कि यह ओटीएस एक सुनियोजित घोटाला था। कुछ अकाउंट्स में सेटलमेंट के बाद पैसे कथित तौर पर रिश्वत के रूप में ट्रांसफर किए गए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया कि बैंक अधिकारियों ने जानबूझकर लोन को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित किया और फिर ओटीएस के जरिए कम रकम में लोन को माफ कर दिया। इस प्रक्रिया में अधिकारियों को कथित तौर पर मोटी रिश्वत मिली, जिसे किकबैक के रूप में देखा जा रहा है।

इस मामले में मुख्य आरोपियों में हीरेन भानु, गौरी भानु, सतीश चंदर, दमयंती सालुखे, हरिंदर पाल सिंह, मनोज कुमार पात्रा, सुकेत कुमार पटेल, अभिमन्यु भोन, न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के संबंधित संचालक, हार्मिस ग्रुप और परसेप्ट ग्रुप (नागपुर) के संचालक शामिल हैं। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है ताकि घोटाले के पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।

हीरेन भानु और गौरी भानु पहले से ही 122 करोड़ रुपये के गबन मामले में आरोपी हैं और उन्हें कोर्ट द्वारा प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित किया जा चुका है। उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है, लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। जांच अधिकारियों के अनुसार, हीरेन भानु का आखिरी लोकेशन दुबई में ट्रेस हुआ था, लेकिन अब संदेह है कि वे लंदन में हो सकते हैं, क्योंकि उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है। ईओडब्ल्यू अब उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है, ताकि उन्हें भारत लाया जा सके।

यह घोटाला बैंकिंग प्रणाली में विश्वास को हिलाने वाला है। ईओडब्ल्यू का कहना है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं, क्योंकि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है। पुलिस अब उन सभी अकाउंट्स और ट्रांजैक्शन्स की गहराई से जांच कर रही है, जो इस घोटाले से जुड़े हैं। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल हो सकता है।

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