मुंबई के अंबोली पुलिस थाने ने राइड-शेयरिंग कंपनियों ओला और रैपिडो के डायरेक्टर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि दोनों कंपनियां राज्य सरकार और रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) से अनुमति लिए बिना मुंबई में बाइक-टैक्सी सेवाएं चला रही थीं।
अंबोली पुलिस ने यह मामला रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) की शिकायत पर दर्ज किया है। शिकायत में बताया गया कि दोनों कंपनियां अपने मोबाइल ऐप के जरिए शहर की सीमाओं में दोपहिया टैक्सी सेवाएं चला रही थीं, जबकि इसके लिए उन्हें किसी प्रकार की आधिकारिक मंजूरी नहीं मिली थी।
पुलिस के अनुसार, ओला और रैपिडो दोनों लंबे समय से मुंबई में दोपहिया टैक्सी सेवाएं चला रहे हैं। इन ऐप-आधारित सर्विसेज के माध्यम से यात्री आसानी से बाइक-टैक्सी बुक कर रहे थे, लेकिन ट्रांसपोर्ट विभाग से इन सेवाओं को कोई अनुमति नहीं दी गई थी। पुलिस का कहना है कि इस तरह की सेवाएं पूरी तरह अवैध हैं और कंपनियां इससे कमाई भी कर रही थीं। इसलिए इसे नियमों का सीधा उल्लंघन माना गया है।
आरटीओ की शिकायत में कहा गया कि रैपिडो बिना परमिशन के लगातार ऑपरेट कर रहा है और उसने कई कानूनों का उल्लंघन किया है, जिनमें मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2020 और मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 66 शामिल हैं। आरटीओ ने यह भी कहा कि इस तरह की अनधिकृत सेवाओं से यात्रियों की सुरक्षा, खासकर महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठते हैं, क्योंकि ऐप कंपनियां ड्राइवरों का चरित्र सत्यापन या सिक्योरिटी चेक ठीक से नहीं करवातीं।
अंबोली पुलिस स्टेशन ने मामले में मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है, जिनमें धारा 193, 197, 192(ए), 93, 66, साथ ही भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराएं 123 और 318(3) शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई शहर में चल रही अनधिकृत गाड़ी सेवाओं पर अंकुश लगाने के लिए शुरू की गई है।


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