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नगर निगम संपत्ति कर न चुकाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में

Municipal Corporation is preparing to take action against those who do not pay property tax.

नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी उन लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है, जो 5 लाख रुपये से अधिक का संपत्ति कर बकाया नहीं रखते हैं। एमसीवाईजे ने ऐसे 326 बकाएदारों को अंतिम नोटिस जारी किए हैं और वह जल्द ही इन बकाएदारों की संपत्ति सील करने की कार्रवाई करेगा।

इनमें 10 लाख रुपये से अधिक के 130 डिफॉल्टर और 5 लाख से 10 लाख रुपये तक के 196 डिफॉल्टर शामिल हैं। नगर आयुक्त आयुष सिन्हा ने बताया कि पहले चरण में पांच लाख और दस लाख रुपये से अधिक संपत्ति कर बकाया रखने वालों की संपत्ति सील करने की कार्रवाई की जाएगी।

सिन्हा ने कहा, “अंतिम नोटिस के बाद भी अगर ये बकाएदार संपत्ति कर जमा नहीं करते हैं तो जल्द ही उनकी संपत्ति सील कर दी जाएगी।” उन्होंने कहा कि एक लाख रुपये से अधिक संपत्ति कर न चुकाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आयुष सिन्हा ने कहा, “1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक के संपत्ति कर बकाएदारों को भी नोटिस दिए जा रहे हैं।” उपलब्ध जानकारी के अनुसार, संपत्ति कर बकाएदारों में दोनों शहरों के बड़े मॉल, सिनेप्लेक्स, उद्योग, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, ऑटोमोबाइल, चावल मिल और मैरिज पैलेस के मालिक शामिल हैं।

सिन्हा ने आगे कहा कि एमसीवाईजे के कार्यकर्ता संपत्ति मालिकों की संपत्तियों पर जाकर उन्हें नोटिस दे रहे हैं।

सिन्हा ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति पर नहीं मिलता है, तो उसकी दीवार या गेट पर नोटिस चिपका दिया जा रहा है। कई संपत्ति मालिक नोटिस पाने से बचते रहे। कई संपत्ति मालिकों ने अपना मोबाइल नंबर भी नहीं दिया।”

उन्होंने कहा कि संपत्तिकर न चुकाने वाले नोटिस को गंभीरता से लें और बकाया कर का भुगतान करें, अन्यथा उनकी संपत्ति सील करने की कार्रवाई की जाएगी। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 5 लाख रुपये से अधिक संपत्ति कर न चुकाने वालों में सबसे अधिक 85 वाणिज्यिक इकाइयां हैं।

इनमें 54 वाणिज्यिक इकाइयां ऐसी हैं जिन पर 5 लाख से 10 लाख रुपये के बीच संपत्ति कर बकाया है तथा 31 वाणिज्यिक इकाइयां ऐसी हैं जिन पर 10 लाख रुपये से अधिक संपत्ति कर बकाया है।

इनके अलावा 19 उद्योग ऐसे हैं जिन पर 5 लाख से 10 लाख रुपये तक संपत्ति कर बकाया है। जबकि 15 उद्योगों पर 10 लाख रुपये से अधिक का कर बकाया है।

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