नगर निगम, यमुनानगर-जगाधरी (एमसीवाईजे) ने उन संपत्ति धारकों को संपत्ति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो एमसीवाईजे के ‘लाल डोरा’ और ‘आबादी देह’ क्षेत्रों में स्थित संपत्तियों पर 10 वर्षों से काबिज हैं।
बुधवार को एमसीवाईजे के अधिकारियों ने ममीदी और खेरी रांगदान गांवों के संपत्ति धारकों से संपत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दस्तावेज लिए। जिन संपत्ति धारकों के दस्तावेज पूरे हैं, उनके संपत्ति प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं।
ममीदी और खेड़ी रांगडान के बाद 23 दिसंबर को भटौली गांव के संपत्ति धारकों से दस्तावेज लिए जाएंगे। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, एमसीवाईजे ने प्रत्येक वार्ड में पूर्व पार्षदों और नगर निगम अधिकारियों की एक समिति बनाई है।
प्रत्येक समिति का अध्यक्ष उस वार्ड के पूर्व पार्षद को बनाया गया है। जबकि नगर निगम के सहायक अभियंता समिति के सदस्य सचिव हैं। पटवारी, भवन निरीक्षक व अन्य कर्मचारियों को समिति का सदस्य बनाया गया है।
ये समितियां अपने-अपने वार्डों में कार्यक्रम आयोजित कर लाल डोरा और आबादी देह में स्थित संपत्तियों के धारकों और कब्जाधारियों से संबंधित दस्तावेज ले रही हैं, ताकि उन्हें संपत्ति प्रमाण पत्र और मालिकाना हक दिया जा सके।
जानकारी के अनुसार वार्ड 13 की पूर्व पार्षद एवं समिति अध्यक्ष निर्मल चौहान की अध्यक्षता में गठित टीम तथा समिति के सदस्य नगर निगम के इंजीनियर दीपक सुखीजा, भवन निरीक्षक रामपाल मान व अन्य ने ममीदी गांव में संपत्ति धारकों के दस्तावेजों की जांच की ताकि उन्हें संपत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जा सकें।
कार्यक्रम में 15 लोगों ने अपने दस्तावेज जमा कराकर प्रमाण पत्र बनवाए। कुछ लोग अपने पूरे दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके, इसलिए उन्हें संपत्ति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ऐसा करने को कहा गया।
इसी प्रकार, एमसीवाईजे के वार्ड 18 के अंतर्गत आने वाले गांव खेड़ी रांगडान में वार्ड की पूर्व पार्षद एवं समिति की अध्यक्ष ऊषा तथा समिति के सदस्य सचिव एवं निगम इंजीनियर कुलदीप यादव की टीम ने संपत्ति धारकों के दस्तावेजों की जांच की।
गांव में आठ लोगों ने अपने दस्तावेज जमा कराकर प्रमाण पत्र बनवाए।
नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा ने बताया, “राज्य सरकार ने 10 साल से ‘लाल डोरा’ और ‘आबादी देह’ में रह रहे संपत्ति धारकों को संपत्ति का मालिकाना हक देने का फैसला किया है। इसके लिए उन्हें संपत्ति प्रमाण पत्र दिए जाएंगे, ताकि वे अपनी संपत्ति के मालिक बन सकें।
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