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मुर्शिदाबाद हिंसा : आतंक का मंज़र, आंखों में दहशत, साहिबगंज पहुंचे पीड़ित परिवार

Murshidabad violence: Scene of terror, panic in eyes, victim families reached Sahibganj

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में भड़की हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण हैं। इस हिंसा से डरकर दर्जनों परिवारों का पलायन जारी है। इसी क्रम में मुर्शिदाबाद के रानीपुर से 12 लोग, जिनमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे भी शामिल हैं, अपनी जान बचाकर झारखंड के साहिबगंज जिले के मिर्जाचौकी थाना क्षेत्र स्थित नया टोला गांव पहुंचे हैं।

इन लोगों ने अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ली है। पीड़ितों ने घटनास्थल की भयावह तस्वीर बयान करते हुए बताया कि उपद्रवियों ने घरों और दुकानों को लूटने के बाद आग के हवाले कर दिया।

महिलाओं ने रोते हुए बताया कि उनके घरों में बंधे मवेशी तक लूट लिए गए और उनके साथ मारपीट की गई। एक महिला ने बताया कि वह किसी तरह जान बचाकर पाकुड़ पहुंची और वहां से ट्रेन पकड़कर मिर्जाचौकी।

धुलियान निवासी प्रीति दास ने बताया कि उपद्रवियों ने जानलेवा हमला किया, बम और चाकू से लोगों को मारा, दुकानों में लूटपाट और आगजनी की। उन्होंने बताया कि दीदी की दुकान जला दी गई और उनके घर में भी आग लगा दी गई। प्रीति ने आरोप लगाया कि दंगाइयों का स्पष्ट निशाना हिंदू समुदाय के लोग थे।

उन्होंने कहा, “बच्चों को छत से नीचे फेंका जा रहा था, महिलाओं पर हमला किया जा रहा था।”

पीड़िता अमृता राय ने बताया कि दंगाइयों ने उनका घर तोड़ने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा मजबूत होने के कारण वे भीतर नहीं घुस सके और उनकी बहू-बेटी की जान बच गई। उन्होंने आगे बताया कि जब पुलिस से मदद मांगी तो जवाब मिला, “अगर हथियार है तो मुकाबला करो, वरना जान बचाकर भाग जाओ।” इन परिवारों का कहना है कि जब तक हालात सामान्य नहीं होते, वे अपने घर नहीं लौटेंगे।

उनका डर और दर्द साफ झलकता है। फिलहाल, वे रिश्तेदारों के घरों में जैसे-तैसे शरण लिए हुए हैं।

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