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मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने यति नरसिंहानंद के बयान पर जताया कड़ा विरोध

Muslim Rashtriya Manch expressed strong protest on the statement of Yeti Narasimhanand

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर । मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने यति नरसिंहानंद के बयान पर कड़ा विरोध जताते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। मंच ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ देशभर में एफआईआर करवाने की भी घोषणा की है।

आरएसएस से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर यति नरसिंहानंद द्वारा दिए गए बयान को समाज में विभाजन और नफरत फैलाने का संगठित प्रयास बताया है। मंच ने देशभर में यति नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने और इसके लिए एक राष्ट्रीय अभियान चलाने की भी घोषणा की है।

यह फैसला मंच के राष्ट्रीय संयोजक, प्रकोष्ठों के संयोजक, प्रांतीय और क्षेत्रीय संयोजक एवं सह संयोजकों सहित लगभग सौ नेताओं की वर्चुअल बैठक में किया गया।

बैठक के बाद, मंच के राष्ट्रीय संयोजक एवं मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया, “हमारे कार्यकर्ता देश के हर हिस्से में यति नरसिंहानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। यह नफरत भरी बयानबाजी केवल मुसलमानों के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे देश के खिलाफ है। ऐसे बयान देश की संवैधानिक संरचना को चोट पहुंचाते हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इसके खिलाफ कानूनी और सामाजिक दोनों स्तरों पर संघर्ष करेगा।”

वहीं, मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा, “नरसिंहानंद के खिलाफ पहले से दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई का नहीं होना प्रशासन की विफलता को दर्शाता है। यह ना केवल मुस्लिम समुदाय को बल्कि पूरे देश के कानून और व्यवस्था को कमजोर करता है। यदि प्रशासन ने जल्द ही कार्रवाई नहीं की, तो इससे समाज में और अधिक अस्थिरता पैदा होगी और ऐसे घृणा फैलाने वाले लोग बेखौफ होकर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे।”

मंच ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन चलाने की चेतावनी देते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब यति नरसिंहानंद ने अपने भड़काऊ भाषणों से समाज में दंगा कराने और देश को तोड़ने का प्रयास किया है। उनके पिछले बयानों में भी ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले हैं, जो इस बात को प्रमाणित करते हैं कि उनका उद्देश्य देश में अशांति फैलाना है। ऐसे कृत्यों को कठोरतम सजा दिए जाने योग्य माना जाना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी इस प्रकार के अपमानजनक और विभाजनकारी बयान देने की हिम्मत नहीं कर सके।

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