महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दंगे में हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों से कराई जाएगी और अगर वे भुगतान नहीं करते, तो उनकी संपत्ति जब्त कर बेची जाएगी।
सीएम फडणवीस ने बताया कि दंगे में शामिल 104 लोगों को पकड़ा गया है, जिनमें से 92 गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि शेष नाबालिग हैं। दंगाइयों की पहचान सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए की जा रही है और अंतिम आरोपी की गिरफ्तारी तक कार्रवाई जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि हिंसा औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र जलाने के बाद फैली। इसके बाद सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई गईं कि एक चादर जलाई गई थी, जिस पर कुरान की आयतें लिखी थीं, लेकिन यह पूरी तरह झूठ था। उन्होंने ऐलान किया कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों को भी आरोपी बनाया जाएगा। इसके साथ ही बांग्लादेशी कनेक्शन की जांच भी की जाएगी, हालांकि इस पर फिलहाल कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर दंगाइयों पर कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने स्पष्ट किया, “जहां बुलडोजर चलाने की जरूरत होगी, वहां बुलडोजर चलेगा।” मालेगांव में एमडीपी के कार्यालय खुलने और उसकी फंडिंग को लेकर भी जांच होगी। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी जगजाहिर है, लेकिन अब इसके आर्थिक स्रोतों की गहन जांच होगी।
उन्होंने कहा कि नागपुर में हुई हिंसा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। शहर के 80 प्रतिशत इलाके हिंसा से प्रभावित नहीं हैं और जहां दंगे हुए थे, वहां भी अब शांति है। इसलिए पीएम मोदी का दौरा तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगा।
इसके साथ ही सीएम फडणवीस ने आश्वासन दिया कि दंगे में जिनकी गाड़ियां और संपत्ति क्षतिग्रस्त हुई हैं, सरकार उनकी मदद करेगी। अगले सात दिन में राहत योजना लागू की जाएगी, लेकिन जो भी नुकसान हुआ है, उसकी वसूली दंगाइयों से ही होगी।
उन्होंने दो टूक कहा कि किसी को भी दंगा भड़काने का अधिकार नहीं दिया जाएगा। कड़ी कार्रवाई कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं।