शारदीय नवरात्रि के पहले दिन नैनीताल स्थित मां नयना देवी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। सोमवार तड़के से ही यहां भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया और शाम तक बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए पहुंचते रहे।
इस दौरान श्रद्धालुओं ने मां के जयकारे लगाए। मंदिर परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया है।
मां नयना देवी मंदिर के पुजारी पंडित गणेश जोशी ने बताया कि शारदीय नवरात्रि के अवसर पर मां नयना देवी मंदिर में तड़के 4 बजे से ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। भक्त मां के दर्शन कर पूजा-अर्चना के बाद आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।
सामान्य दिनों में भी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, लेकिन नवरात्रि के दिनों में भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। मंदिर परिसर में सप्तमी से दुर्गा पूजा महोत्सव का शुभारंभ होगा और दशमी के दिन भव्य दुर्गा मां के डोले का नगर भ्रमण करवाया जाएगा।
बता दें कि मां नयना देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि यहां पर माता सती का बाया नेत्र गिरा था, इसलिए इस स्थान को शक्तिपीठ कहा जाता है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में लोग यहां मां के दर्शन के लिए आते हैं।
मान्यता है कि जिन श्रद्धालुओं को नेत्र संबंधी परेशानियां होती हैं, वे विशेष रूप से मां नयना देवी के दर्शन करने आते हैं और उनकी आंखों की समस्या दूर होती है। कहा जाता है कि यहां से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता।
हल्द्वानी से आए श्रद्धालु अभिषेक राज पांडे ने बताया कि मां नयना देवी के प्रति उनकी गहरी आस्था है। नवरात्रि के प्रथम दिन ही वे मां के दर्शन के लिए नैनीताल पहुंचे हैं। उन्होंने मां से एक मन्नत मांगी थी जो पूर्ण हो चुकी है, इसलिए उनकी श्रद्धा और विश्वास मां के प्रति और अधिक बढ़ गया है।
स्थानीय निवासी परुनीता साह ने बताया कि शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां नयना देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है। दूर-दूर से भक्त मां के दर्शन करने पहुंचे हैं। उनका कहना है कि माता रानी की अपार कृपा भक्तों पर बनी हुई है और वे कामना करती हैं कि मां नयना देवी का आशीर्वाद सभी पर सदैव बना रहे।
स्थानीय निवासी सीमा सेठ ने बताया कि पंजाबी लोगों की भी माता नयना देवी के प्रति गहरी श्रद्धा और आस्था है। मां पर उनका अटूट विश्वास है, मंदिर के कपाट प्रातः 4 बजे खुलते ही बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मां नयना देवी मंदिर की काफी मान्यता है, जहां श्रद्धालु दूध और फल, प्रसाद अर्पित कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।
Leave feedback about this