भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान उनकी “बुद्धि चोरी” और सत्ता के बिना तड़पने का परिणाम है। उन्होंने राहुल के “हिट एंड रन” के खेल को पुराना और बेनकाब हो चुका करार दिया।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कह रहे हैं कि वोट की चोरी हुई है, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि वोटों की चोरी नहीं हुई है, बल्कि राहुल गांधी की बुद्धि की चोरी हो गई है। इसी वजह से लो इस तरह का बयान दे रहे हैं। अब राहुल गांधी सत्ता के लिए छटपटा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पिछले दस सालों से देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं और संस्थाओं के खिलाफ अविश्वास, भय और भ्रम का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जिनकी सद्बुद्धि चरने चली गई हो, वे ऐसी ही बातें करेंगे। राहुल गांधी सत्ता के बिना मछली की तरह तड़प रहे हैं। उनकी सनक चरम पर है, इसलिए वे इस तरह के बयान दे रहे हैं।
मुख्तार अब्बास नकवी ने पुरानी मतदान व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि पहले वोटिंग में अनियमितताएं आम थीं, लेकिन अब व्यवस्था पारदर्शी और सुरक्षित है। वर्तमान व्यवस्था वैध मतदाताओं की सुरक्षा और अवैध मतदाताओं की सफाई के लिए बनाई गई है। नकवी ने राहुल से सुझाव देने की बजाय साजिश रचने से बचने की सलाह दी।
उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं के संदर्भ में भी कांग्रेस की आलोचना की। नकवी ने कहा कि उत्तराखंड और अन्य क्षेत्रों में बाढ़ जैसी आपदाओं में लोग मदद और दुआएं कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग बद्दुआ और कुतर्क देने में लगे हैं। फिरोजपुर में जो हुआ, ईरान और इराक में जो हो रहा है, क्या उसके लिए भी ऐसे कुतर्क दिए जाएंगे?” आपदा के समय संकटमोचक की भूमिका निभाने की बजाय सियासत करना ठीक नहीं है।
भाजपा नेता ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की नई शिक्षा नीति पर भी टिप्पणी की, जिसमें तमिल और अंग्रेजी को शामिल किया गया है, लेकिन हिंदी को लेकर विवाद है। उन्होंने कहा कि हिंदी के प्रति असहिष्णुता दिखाना न तो लोगों के हित में है और न ही देश के। किसी भी क्षेत्रीय या स्थानीय भाषा का अपमान नहीं किया जा रहा, लेकिन हिंदी को “अछूत” मानने की सोच गलत है। हिंदी के प्रति सहिष्णुता दिखानी चाहिए। यह न तो आपका भला करेगा और न ही आपके लोगों का।”
मुख्तार अब्बास नकवी ने जोर देकर कहा कि देश की संवैधानिक व्यवस्थाओं और संस्थाओं पर भरोसा बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस से अपील की कि वे अविश्वास और भ्रम फैलाने की बजाय रचनात्मक सुझाव दें।
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