N1Live National नासिक हाउसिंग घोटाला: सुप्रीम कोर्ट से माणिकराव कोकाटे को राहत, दोषी ठहराए जाने पर रोक
National

नासिक हाउसिंग घोटाला: सुप्रीम कोर्ट से माणिकराव कोकाटे को राहत, दोषी ठहराए जाने पर रोक

Nashik Housing Scam: Supreme Court grants relief to Manikrao Kokate, stays conviction

एनसीपी के विधायक और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री माणिकराव कोकाटे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नासिक हाउसिंग घोटाले से जुड़े मामले में कोकाटे को दोषी ठहराए जाने पर रोक लगा दी है। इस फैसले के चलते कोकाटे की विधानसभा सदस्यता बची रहेगी।

हालांकि, कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि इस राहत की अवधि में माणिकराव कोकाटे कोई भी सरकारी पद नहीं संभालेंगे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है और मामले में जवाब मांगा है।

कोकाटे पर आरोप है कि उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्यूएस) के लिए बनी सरकारी आवास योजना का गलत फायदा उठाया। आरोप के मुताबिक, उन्होंने अपनी आय को लेकर झूठा हलफनामा दाखिल किया और इसी आधार पर फ्लैट हासिल किया था। निचली अदालत ने इस मामले में उन्हें दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी।

इससे पहले, 19 दिसंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने कोकाटे को जमानत तो दे दी थी, लेकिन दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। इसी वजह से उनकी विधानसभा सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा था। अब सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले से उन्हें फिलहाल राहत मिल गई है।

गौरतलब है कि यह मामला साल 1995 का है और तत्कालीन मुख्यमंत्री कोटे के तहत आरक्षित सरकारी फ्लैटों के दुरुपयोग से जुड़ा हुआ है। ये फ्लैट कम आय वाले और बेघर लोगों के लिए होते हैं। आरोप है कि माणिकराव कोकाटे और उनके भाई विजय कोकाटे ने फर्जी शपथपत्र और दस्तावेज जमा कर नासिक के कनाडा कॉर्नर स्थित निर्माण व्यू अपार्टमेंट में दो फ्लैट हासिल किए।

जांच में यह भी सामने आया कि वे उसी इमारत में दो अन्य फ्लैटों का इस्तेमाल कर रहे थे, जो किसी और के नाम पर आवंटित थे। जिला प्रशासन की जांच के बाद तत्कालीन यूएलसी अधिकारी विश्वनाथ पाटिल की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।

Exit mobile version