कृषि डिजिटलीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, सिरसा जिले की सभी प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) को राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस में एकीकृत कर दिया गया है। यह पहल ग्रामीण बैंकिंग और किसानों के लिए सहायता प्रणालियों के आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। जिले में 37 PACS संचालित हैं, जिन्हें ई-PACS मॉडल के माध्यम से ग्रिड पर लाने के प्रयास चल रहे हैं।
इस कदम का उद्देश्य फसल ऋण, इनपुट वितरण और विपणन जैसी सेवाओं को सुव्यवस्थित करना है। माधोसिंघाना, ओट्टू और बंसुधर PACS पहले ही ई-PACS में परिवर्तित हो चुके हैं, जो दूसरों के लिए एक मिसाल कायम कर रहा है।
डिजिटलीकरण प्रयास से 1.28 लाख से अधिक किसान सदस्यों के लिए पारदर्शिता, पहुंच और दक्षता बढ़ने की उम्मीद है।
प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (पीएसीएस) जमीनी स्तर की सहकारी संस्थाएँ हैं जो ग्रामीण किसानों और सहकारी बैंकिंग संरचना के बीच पहली कड़ी के रूप में काम करती हैं। पीएसीएस किसानों को फसल ऋण, बीज, उर्वरक और कीटनाशक जैसी महत्वपूर्ण सेवाएँ प्रदान करती हैं। उनका महत्व सीधे किसानों को समय पर और किफायती ऋण और कृषि सहायता प्रदान करने की उनकी क्षमता में निहित है।
सिरसा जिले की सभी पैक्स समितियों को राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस में सफलतापूर्वक अपलोड कर दिया गया है। सहकारी समितियों के सहायक रजिस्ट्रार संजीव कुमार ने बताया कि यह पारंपरिक पैक्स समितियों को केंद्रीय सहकारी बैंकों और अन्य संस्थाओं के साथ डिजिटल रूप से जोड़कर उन्हें ई-पैक्स में बदलने की व्यापक पहल का हिस्सा है।