डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय, नौनी, 15 दिसंबर से विभिन्न फलों की प्रजातियों के 18 लाख से अधिक पौध सामग्री बिक्री के लिए उपलब्ध कराएगा। यह बिक्री विश्वविद्यालय के मुख्य नौनी परिसर में स्थित नर्सरी, शिमला, सोलन और किन्नौर में कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के साथ-साथ राज्य में विश्वविद्यालय के अनुसंधान केंद्रों में पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगी।
किसानों को सेब के विभिन्न प्रकार के पौधे और रूटस्टॉक के साथ-साथ कीवी, अनार, खुबानी, आड़ू, नेक्टेरिन, चेरी, अखरोट, पर्सिमोन, नाशपाती और बेर के पौधे भी उपलब्ध कराए जाएंगे। विश्वविद्यालय द्वारा उत्पादित पौधों की उच्च गुणवत्ता और विश्वसनीय पैदावार के कारण इस वार्षिक बिक्री का बेसब्री से इंतजार किया जाता है।
लाहौल-स्पीति और पांगी के किसानों की सुविधा के लिए, बाजाउरा स्थित क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में पौध बिक्री इस सप्ताह के प्रारंभ में शुरू हो गई है। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि चंबा केवीके में होने वाली वार्षिक फल पौध बिक्री का कार्यक्रम शीघ्र ही घोषित किया जाएगा।


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