December 18, 2025
Punjab

लड़ाकू विमानों के अखाड़े से लेकर शिखर तक नवदीप कौर का अदम्य उदय

Navdeep Kaur’s indomitable rise from the arena of fighter jets to the top

मोहाली की रहने वाली 36 वर्षीय ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर नवदीप कौर ने अपने सफर में एक नया अध्याय जोड़ा है – मिसेज इंडिया सुप्रानेशनल 2024 जीतने के बाद उन्होंने मिसेज सुप्रानेशनल 2025 में प्रथम उपविजेता का स्थान हासिल किया है। वह यह अंतरराष्ट्रीय खिताब हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला हैं।

वायुसेना परिवार में पली-बढ़ी नवदीप ने भारत भर में विभिन्न संस्कृतियों और मूल्यों को आत्मसात करते हुए अपना बचपन बिताया। उन्होंने कहा, “मैं बचपन से ही भारत की सेवा करने का सपना देखती आ रही हूं।” एक स्वाभाविक प्रतिभा की धनी नवदीप ने शिक्षा और पाठ्येतर गतिविधियों दोनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और बालाचित्र रत्न पुरस्कार सहित राष्ट्रीय चित्रकला पुरस्कार जीते। उन्होंने विज्ञान ओलंपियाड और यूनेस्को की परीक्षाएं उत्तीर्ण कीं, स्कूल कप्तान के रूप में नेतृत्व किया और शिलांग में स्काउट्स एंड गाइड्स में शीर्ष स्थान प्राप्त किया।

नवदीप के माता-पिता ने उन्हें बचपन से ही दृढ़ता सिखाई थी। छह साल की उम्र में, वह ऑल इंडिया रेडियो पर सबसे कम उम्र की रेडियो जॉकी बनीं। उन्होंने नृत्य और फैशन के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाया और लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में मिस फ्रेशर का खिताब जीता। उन्होंने पंजाब पब्लिक सिविल सर्विसेज परीक्षा उत्तीर्ण की और सबसे कम उम्र की ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर बनीं।

जीवन ने उन्हें व्यक्तिगत उथल-पुथल से परखा: अलगाव, अकेले बेटे की परवरिश और रीढ़ की हड्डी में चोट। उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया था कि शायद मैं फिर कभी चल न पाऊं।” “लेकिन मैंने सकारात्मकता को चुना।” उन्होंने घर पर ही कोविड का सामना किया और गैर सरकारी संगठनों के साथ काम करते हुए विधवाओं और दिव्यांग बच्चों की सहायता की।

नवदीप के लिए सबसे गौरवशाली क्षण गोवा में आया, जहाँ उन्होंने सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय पोशाक और मिसेज ग्लोबल एंबेसडर का पुरस्कार जीता। कर्तव्य, जुनून और मातृत्व के बीच संतुलन बनाए रखना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “मेरा दिन सुबह 5 बजे शुरू होता है। मैंने इस पेशे को अपनी मेहनत से हासिल किया है; सौंदर्य प्रतियोगिता मेरा जुनून है।”

उनका संदेश उनकी जीवन कहानी की तरह ही सीधा है: खुद पर भरोसा रखो, कभी भी काम टालो मत, गलत को ना कहने का साहस रखो, और युवाओं के लिए—नशे को ना कहो। उन्होंने कहा, “मैं उन अकेली माताओं के लिए एक आदर्श बनना चाहती हूं जिन्होंने उम्मीद खो दी है। अगर आपका इरादा मजबूत है और आपकी सोच सकारात्मक है, तो कुछ भी असंभव नहीं है।”

Leave feedback about this

  • Service