October 13, 2025
National

एनडीए नेताओं का लालू प्रसाद यादव के पोस्ट पर पलटवार, कहा-हार के डर से बौखलाए

NDA leaders hit back at Lalu Prasad Yadav’s post, saying he was panicking due to fear of defeat.

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के सोशल मीडिया पोस्ट ‘छह और ग्यारह, एनडीए नौ दो ग्यारह’ पर एनडीए नेताओं ने जोरदार पलटवार किया है। नेताओं ने कहा कि लालू हार के डर से बौखला गए हैं। बिहार की जनता ने फिर से नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार बनाने का फैसला कर लिया है।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू यादव कितना भी कोशिश कर लें, बिहार की जनता एनडीए के साथ है। 14 नवंबर को परिणाम आएगा, जो बच्चों का दिन (बाल दिवस) भी है। उस दिन लालू यादव को पता चल जाएगा कि बच्चा, बच्चा ही रहता है।

केंद्रीय राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि 6 नवंबर को पहले चरण का मतदान, 11 नवंबर को दूसरा चरण और 14 नवंबर को परिणाम। साल 2025 चल रहा है, सभी को जोड़ें तो 56 बनता है। यह 56 इंच का सीना बिहार में मजबूती से चलेगा। नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। बाल दिवस पर दोनों ‘बाल बुद्धि युवराज’ अपना गेम खेलते रहेंगे, लेकिन जनता एनडीए को चुनेगी।

उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि लालू यादव और अन्य विपक्षी नेता कटाक्ष कर मन बहला रहे हैं। एनडीए गठबंधन फिर से सत्ता में आएगा। पार्टी ने चुनाव अभियान शुरू कर दिया है। बिहार की जनता ने तय कर लिया है कि राहुल गांधी और लालू प्रसाद यादव की हार होगी।

भाजपा सांसद बृजलाल ने कहा कि लालू यादव सजा काट चुके हैं। वे भ्रष्टाचार के प्रतीक हैं। चारा घोटाला उनके नाम से जाना जाता है। उन्हें ऐसी बातें करने में शर्म आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एनडीए जीतेगी और बिहार में विकास की गाथा लिखेगी।

केंद्रीय राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार और पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 20 साल से विकास की लहर है। तेजस्वी यादव सपने देख रहे हैं, लेकिन उनके सपने पूरे नहीं होंगे। लालू और तेजस्वी ‘मन की बात’ करते हैं, लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया है। विकास की राजनीति न करने वालों को जनता फिर से नकारेगी।

बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, “लालू यादव ने दो कारणों से अपनी राजनीतिक नाव डुबो ली है-पहला, भ्रष्टाचार और दूसरा, ‘राजा का बेटा राजा’ की मानसिकता। वे अपने बेटे तेजस्वी को मुख्यमंत्री की गद्दी सौंपना चाहते हैं, जो जनता को पसंद नहीं। इंडी गठबंधन और राजद-कांग्रेस हताशा में हैं। इस तरह के भ्रम फैलाकर वे अपनी हार स्वीकार कर चुके हैं।

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