पटना, 21 जुलाई । बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने रविवार को कहा कि संसद के मानसून सत्र में राज्य के एनडीए नेताओं को बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार के एनडीए नेताओं को 22 जुलाई से शुरू हो रहे सत्र में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करनी चाहिए। साथ ही पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया जाना चाहिए। महंगाई कम होनी चाहिए, टैक्स कम होने चाहिए, गैस सिलेंडर के दाम कम होने चाहिए, सार्वजनिक क्षेत्र में कुछ निवेश होना चाहिए, तभी बिहार समृद्ध होगा।
कुछ राज्यों में कांवड़ मार्ग पर दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश के बारे में उन्होंने कहा कि वे लोग लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखते हैं। संविधान का मजाक उड़ाया जा रहा है। भारतीय संविधान के अनुसार, सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान किया जाता है। सभी धर्मों को मानने वाले लोगों का समान रूप से सम्मान किया जाता है।
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर दिये एक बयान पर टिप्पणी करने से अखिलेश प्रसाद सिंह ने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “इसका जवाब खुद मुख्यमंत्री देंगे। इस पर मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं होगी।”
मांझी ने शनिवार को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में एक घटना का जिक्र किया था। उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार ने कहा था कि ‘जीतन मांझी के साथ पार्टी चलेगी क्या? उनके पास तो पैसे भी नहीं हैं।’ आज हमारी पार्टी चल रही है। संतोष कुमार सुमन 2030 तक के लिए एमएलसी बन गए हैं।
उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार ने पार्टी के विलय की बात कही थी। जब हमने बैठक की और सभी से पूछा तो सभी ने कहा कि हम विलय नहीं करना चाहते हैं। इसके बाद हम एनडीए में आ गए। मैं एनडीए के साथी को धन्यवाद देता हूं।”