आपूर्ति श्रृंखलाओं को तोड़ने और अवैध नशीली दवाओं के व्यापार में बार-बार शामिल होने वाले अपराधियों को रोकने के लिए, शिमला पुलिस ने ऐसे व्यक्तियों की जमानत रद्द करने के लिए आवेदन करने का निर्णय लिया है, जिनका नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम 1985 के तहत गिरफ्तार होने का इतिहास है।
इस पहल के तहत शिमला पुलिस ने इस मामले में क्षेत्र और व्यावहारिक निहितार्थों सहित व्यापक जानकारी के साथ न्यायालयों में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। तथ्यों को पुष्ट करने के लिए राष्ट्रीय नारकोटिक्स समन्वय पोर्टल (एन-कॉर्ड) की बैठकों में हुई चर्चाओं और मनोचिकित्सकों की रिपोर्ट को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, पुलिस एनडीपीएस अधिनियम के तहत ऐसे अपराधियों की जमानत रद्द करने के लिए आवेदन करेगी, जिन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है।
इसके साथ ही पुलिस का लक्ष्य बार-बार अपराध करने वाले अपराधियों की संलिप्तता को कम करना तथा आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ना है, जिससे जिले में नशीली दवाओं के व्यापार में कमी आएगी।
शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार गांधी ने कहा कि कानून के सख्त क्रियान्वयन के जरिए बार-बार अपराध करने वाले अपराधियों को जेल में डालना समाज को नशे से मुक्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई अपराधी हैं जिन्हें पहले एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें जमानत मिल गई थी। उन्होंने कहा, “चिंता की बात यह है कि ये अपराधी जमानत पर बाहर आने के बाद फिर से अवैध नशीली दवाओं के कारोबार में शामिल हो जाते हैं। न केवल वे फिर से इस धंधे में लग जाते हैं, बल्कि वे नशे के कारोबार में फलते-फूलते हैं। इसलिए, ऐसे अपराधियों को जमानत न दिए जाने की जरूरत है ताकि नशीली दवाओं के कारोबार को प्रभावी ढंग से खत्म किया जा सके।”
उन्होंने कहा, “ये बार-बार अपराध करने वाले लोग जमानत पर बाहर आने के बाद बड़े सुपर-स्प्रेडर बन जाते हैं।”
ड्रग के धंधे में लगातार शामिल होने वाले आरोपी का एक ऐसा ही उदाहरण अंतरराज्यीय ड्रग किंगपिन विजय सोनी है, जिसे हाल ही में सोलन पुलिस ने गिरफ्तार किया था। शिमला पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, सोनी के खिलाफ पिछले कुछ सालों में शिमला जिले में NDPS एक्ट के तहत पांच मामले दर्ज हैं। इनमें तीन मामले ठियोग थाने में और एक-एक ढली और बोइल्यूगंज थाने में दर्ज हैं। इनमें से चार मामले उसके खिलाफ 2023 में ही दर्ज किए गए थे। हालांकि, जमानत पर बाहर आने के बाद सोनी अपना धंधा जारी रखने में सक्षम हो गया।
शिमला पुलिस अपने सोशल इंटीग्रेटेड इंटेलिजेंस नेटवर्क (एसआईआईएनएस) के तहत ड्रग तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रही है। इस साल अब तक जिले में एनडीपीएस एक्ट के तहत अंतर-राज्यीय ड्रग रैकेट के सरगना संदीप शाह सहित 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।