काठमांडू, नेपाल में हुए प्रतिनिधि सभा के चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने रविवार को संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के तहत सात दिन में नई सरकार के गठन का आह्वान किया। राष्ट्रपति ने सदन में प्रतिनिधित्व करने वाले दो या दो से अधिक दलों के समर्थन से सरकार बनाने का आह्वान किया।
सत्तारूढ़ गठबंधन में प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और सीपीएन (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ प्रधानमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। सत्ताधारी गठबंधन के पास सरकार बनाने के लिए महज दो वोट कम हैं। सरकार बनाने के लिए जादुई संख्या 275 प्रतिनिधि सभा में से 138 है।
नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार, ऐसे मामलों में जहां खंड (1) के तहत प्रतिनिधि सभा में किसी भी पार्टी का स्पष्ट बहुमत नहीं है, राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के रूप में प्रतिनिधि सभा के सदस्य को नियुक्त करेगा जो प्रतिनिधि सभा का प्रतिनिधित्व करने वाले दो या दो से अधिक दलों के समर्थन से बहुमत प्राप्त कर सकता है। संविधान के अनुच्छेद 76 (1) में कहा गया है कि राष्ट्रपति एक संसदीय दल के नेता को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करेगा, जो प्रतिनिधि सभा में बहुमत रखता है और उसकी अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद का गठन किया जाएगा।
रविवार शाम प्रेस बयान जारी कर राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि भंडारी ने अगले रविवार शाम पांच बजे तक सरकार बनाने के लिए सात दिन की समय सीमा दी है। नेपाल के संविधान, 2015 के अनुच्छेद 76 (1) के अनुसार प्रतिनिधि सभा में किसी भी एक दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं है, इसलिए राष्ट्रपति, नेपाल के संविधान, 2015 के अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार, 25 दिसंबर, 2022 को शाम 5 बजे तक प्रतिनिधि सभा के दो या दो से अधिक राजनीतिक दलों के समर्थन से नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त होने के लिए प्रतिनिधि सभा के सदस्यों से बहुमत दिखाने का आह्वान करती हैं।
एक बार जब पार्टियां प्रधानमंत्री उम्मीदवार को सबूत के साथ प्रस्तुत करती हैं कि उन्हें सदन में बहुमत का समर्थन मिल सकता है, तो राज्य के प्रमुख उन्हें पद पर नियुक्त करेंगे और उनके नेतृत्व में सरकार बनाएंगे। प्रधानमंत्री को अगले 30 दिनों में अपनी सरकार में सदन के विश्वास को साबित करने की जरूरत है।
इस बात की प्रबल संभावना है कि मौजूदा सत्तारूढ़ गठबंधन नई सरकार बनाएगी। इस बात पर बहस हो रही है कि प्रधानमंत्री कौन होना चाहिए, लेकिन मौजूदा प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के पास अच्छा मौका है। नेपाल में 20 नवंबर को प्रतिनिधि सभा के चुनाव हुए, जिसके अंतिम परिणाम पिछले हफ्ते प्रतिनिधि सभा द्वारा राष्ट्रपति भंडारी को सौंपे गए।