हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य के हर जिले में कचरे से बिजली बनाने के लिए आधुनिक प्लांट लगाए जाएंगे। ये प्लांट कचरे को ऊर्जा में बदलेंगे, जिससे जिलों में स्वच्छता के साथ-साथ बिजली उत्पादन में भी योगदान मिलेगा।
हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग और ऊर्जा संरक्षण रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में यह भी चर्चा की गई कि राज्य के सभी सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाए जाएंगे। इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए विभागों को अपने भवनों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जाएंगे।
इसके अलावा, हर जिले में सौर ऊर्जा से स्ट्रीट लाइटों को बिजली देने के लिए सोलर पावरहाउस बनाए जाएंगे। दिन के समय ऊर्जा संग्रहित की जाएगी, जिसका उपयोग रात में स्ट्रीट लाइटों को बिजली देने के लिए किया जाएगा।
एक अन्य महत्वपूर्ण पहल के तहत, किसानों के बीच सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक गांव में पायलट परियोजना शुरू की जाएगी।
इस परियोजना के माध्यम से किसानों को सौर ऊर्जा पैनल के माध्यम से बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत राज्य में उद्योगों, भवनों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए ऊर्जा बचत उपायों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा।
इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर नामित उपभोक्ताओं पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इन प्रावधानों के कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा की जाएगी और डिस्कॉम को कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएंगे।
बैठक के दौरान नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के महानिदेशक श्री एस. नारायणन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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