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केजरीवाल के ‘शीश महल’ पर नए खुलासे, विजेन्द्र गुप्ता ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

New revelations on Kejriwal's 'Sheesh Mahal', Vijendra Gupta demands high level investigation

नई दिल्ली, 20 नवंबर । दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शीश महल पर गंभीर आरोप लगाए। विजेन्द्र गुप्ता का दावा है कि पीडब्ल्यूडी के दस्तावेजों से यह खुलासा हुआ है कि अप्रैल 2022 के बाद इस महल में कोई काम नहीं हुआ था, लेकिन इसके बावजूद महंगे उपकरणों और बेशुमार सुविधाओं का समावेश हुआ। खासकर, सोने की परत वाले कमोड और बेसिन जैसे महंगे आइटम्स का जिक्र करते हुए गुप्ता ने सवाल उठाया कि ये सामान ‘शीश महल’ खाली करने के दौरान केजरीवाल अपने साथ क्यों ले गए?

विजेंद्र गुप्ता ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि जब से शीश महल का खुलासा हुआ है, तब से केजरीवाल का भ्रष्टाचार की कहानी परत दर परत खुलती जा रही है। अब तक जो इन्वेंट्री सामने आई है, वह करोड़ों रुपये के महंगे सामान से भरी हुई है, जिनमें महंगे टॉयलेट सेट, टीवी और यहां तक कि सोने से जड़ा कमोड और वॉश बेसिन भी शामिल है। यह सब कहां से आया? पीडब्ल्यूडी के दस्तावेजों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि अप्रैल 2022 में जब ‘शीश महल’ को सौंपा गया, तब वहां की इन्वेंट्री बहुत कम थी और उस समय किसी भी तरह के जिम उपकरण की कोई सूचना नहीं थी। लेकिन, जब 2024 में ‘शीश महल’ को खाली किया गया, तब उसमें एक शानदार जिम, 28 लाख रुपये का महंगा टीवी सेट और सोने का कमोड व वॉश बेसिन जैसी आलीशान सुविधाएं मौजूद थीं। इन सुविधाओं का खर्च किसने उठाया और इनका पैसा कहां से आया, यह सवाल अहम बन गया है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि शीश महल के अंदर जब केजरीवाल रह रहे थे, तब वहां कई महंगे उपकरणों और सजावट का काम किया गया, जो पीडब्ल्यूडी के दस्तावेजों के अनुसार उनके जिम्मे नहीं था। उन्होंने सवाल किया कि उन महंगे उपकरणों और सुविधाओं का खर्च उठाने वाले लोग कौन थे, और बदले में उन्हें क्या लाभ दिया गया?

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर विजेन्द्र गुप्ता ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए और उन एजेंसियों को सामने लाया जाए जिन्होंने करोड़ों रुपये के खर्च के बाद शीश महल को सजाया। यह महज एक भ्रष्टाचार का मामला नहीं है, बल्कि इससे जुड़ी राजनीतिक साज़िशों को भी उजागर किया जाना चाहिए।

उन्होंने यह भी दावा किया कि शराब घोटाले में रिश्वत के रूप में ली गई रकम का इस्तेमाल शीश महल में खर्च किया गया था और यही कारण है कि यह मामला और भी गंभीर बन गया है। उन्होंने कहा कि यह पूरी गुत्थी इस समय सुलझ रही है और जल्द ही सारी सच्चाई सामने आनी चाहिए।

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