August 7, 2025
Haryana

नूंह अस्पताल में प्रसव के दौरान नवजात का हाथ कटा

Newborn’s hand chopped off during delivery in Nuh hospital

हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने सिविल अस्पताल, मांडीखेड़ा (नूंह जिला) में हुई एक भयावह और अमानवीय घटना का स्वतः संज्ञान लिया है, जहां कथित तौर पर घोर चिकित्सीय लापरवाही के कारण प्रसव के दौरान एक नवजात शिशु का हाथ शरीर से अलग हो गया था।

शकील की पत्नी सरजीना को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। प्रसव के दौरान, उपस्थित चिकित्सा कर्मचारियों की कथित लापरवाही के कारण, नवजात शिशु का एक अंग पूरी तरह से अलग हो गया। जब परिवार ने चिकित्सा दल से पूछताछ की, तो कथित तौर पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें वार्ड से बाहर निकाल दिया गया। बच्चे को दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

आयोग की पूर्ण पीठ, जिसमें अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा और सदस्य कुलदीप जैन व दीप भाटिया शामिल थे, ने कहा कि यह घटना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन और स्वास्थ्य के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है और उन्होंने एक सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा संस्थान में चिकित्सा प्रोटोकॉल की स्पष्ट विफलता की निंदा की। पीठ ने यह भी कहा कि यह घटना संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार सम्मेलन के अनुच्छेद 6 और 19 का सीधा उल्लंघन है।

न्यायमूर्ति बत्रा ने टिप्पणी की कि जीवन के आरंभ में ही एक नवजात शिशु को हुई अपूरणीय और क्रूर चोट चिकित्सा लापरवाही का एक चौंकाने वाला उदाहरण है और इस क्षेत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। उन्होंने कहा कि अस्पताल के कर्मचारियों के कथित दुर्व्यवहार ने मानवाधिकारों के उल्लंघन को और बढ़ा दिया है।

आयोग ने सिविल सर्जन, नूंह को 15 दिनों के भीतर तथ्यात्मक चिकित्सा रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, तथा सीएमओ को परिस्थितियों तथा इसमें शामिल डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के नाम/पदनाम; बच्चे के उपचार और पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों; शुरू की गई किसी भी विभागीय या आंतरिक जांच का विवरण; तथा पीड़ित परिवार के साथ “दुर्व्यवहार” के संबंध में स्पष्टीकरण देने को कहा है।

प्रोटोकॉल, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी पुनीत अरोड़ा ने बताया कि पीठ के आदेश की सूचना अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान एवं आयुष, हरियाणा; महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, हरियाणा, पंचकूला; और सिविल सर्जन, नूंह को अनुपालन हेतु भेज दी गई है। सुनवाई की अगली तारीख 26 अगस्त तय की गई है।

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