वाराणसी, 7 फरवरी । ज्ञानवापी परिसर में बंद अन्य सभी तहखानों का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने की मांग पर मंगलवार को अदालत में सुनवाई हुई। अब, याचिका की सुनवाई 15 फरवरी को होगी।
जिला जज की अदालत में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से मामले में आपत्ति जताई गई। कहा गया कि तहखाने में सर्वे कराने से मस्जिद को क्षति पहुंचेगी। मामले में कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना। इसके बाद हाईकोर्ट में मामले की चल रही सुनवाई के कारण सभी पक्षकारों की सहमति से 15 फरवरी को अगली तारीख तय की गई।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि कार्यवाहक जिला जज अनिल कुमार (पंचम) की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में बंद अन्य सभी तहखानों का एएसआई से सर्वे कराए जाने का आदेश देने की आग्रह वाली याचिका पर सुनवाई के लिए 15 फरवरी की तिथि तय की है। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में पक्षकार और विश्व वैदिक सनातन संघ की सदस्य राखी सिंह ने अपनी याचिका में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सभी बंद तहखानों का एएसआई से सर्वेक्षण कराने का आदेश देने का आग्रह किया।
वकील ने बताया कि इस पर मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने आपत्ति जताते हुए कहा कि उच्च न्यायालय का ऐसा कोई आदेश नहीं है। ऐसे में शेष तहखानों के सर्वेक्षण का आदेश देने का कोई आधार नहीं है।
यादव ने बताया कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला अदालत ने अगली तिथि तय कर दी है। अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कहा कि एएसआई की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, ज्ञानवापी में आठ तहखाने हैं। इनमें से एस-1 और एन-1 तहखाना का सर्वे नहीं हुआ है। इन दोनों तहखानों के भीतर प्रवेश करने का जो रास्ता है, उसे ईंट-पत्थर से बंद कर दिया गया है।