November 19, 2025
Himachal

एनजीटी ने निष्पादन कंपनी को पक्षकार बनाने की अनुमति दी

NGT allows execution company to be made a party

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कुल्लू जिले की खराल घाटी में बिजली महादेव मंदिर को पहाड़ी की चोटी पर जोड़ने वाले 2.4 किलोमीटर लंबे हवाई रोपवे का निर्माण करने वाली कंपनी को पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी है।

एनजीटी ने 13 नवंबर को नचिकेता शर्मा द्वारा दायर मामले की सुनवाई की, जिसमें पिरडी और बिजली महादेव के बीच रोपवे के निर्माण में पर्यावरणीय मानदंडों के उल्लंघन पर चिंता जताई गई थी। न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल ने अनुमति दी कि रोपवे का निर्माण कर रही राजस्थान के उदयपुर स्थित रवि इंफ्राबिल्ड प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को भी इस मामले में पक्षकार बनाया जा सकता है।

बिजली महादेव मंदिर समिति ने भी कुल्लू स्थित प्रतिष्ठित शिव मंदिर को जोड़ने वाले रोपवे के निर्माण को एनजीटी में चुनौती दी है। बिजली महादेव संघर्ष समिति के सदस्यों ने रोपवे परियोजना के विरोध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी मुलाकात की थी।

यह मामला 27 नवंबर, 2025 को एनजीटी के समक्ष सुनवाई के लिए आएगा। पिछले महीने 17 अक्टूबर को एनजीटी की सुनवाई के दौरान हिमाचल सरकार ने कहा था कि इस परियोजना में उसकी भूमिका बहुत सीमित है, क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) ही इस परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा है।

एनजीटी को बताया गया कि इस परियोजना के लिए राज्य प्राधिकरणों द्वारा कोई भी मंज़ूरी नहीं दी गई है। इसलिए, जहाँ तक पर्यावरणीय मंज़ूरी का सवाल है, राज्य की भूमिका बहुत सीमित है।

बिजली महादेव संघर्ष समिति स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर रोपवे परियोजना का कड़ा विरोध कर रही है, क्योंकि उसका कहना है कि इससे न केवल पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, बल्कि देव घाटी की धार्मिक-सांस्कृतिक भावना भी प्रभावित होगी।

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