नई दिल्ली, 15 नवंबर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को श्रीनगर के एक अस्पताल में पुलिस दल पर हमला करने के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी की जबरन रिहाई से संबंधित 2018 मामले में लश्कर-ए-तैयबा के दो प्रमुख गुर्गों की आठ संपत्तियों को कुर्क किया है।
एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि कुर्क की गई आठ संपत्तियों में से पांच मोहम्मद शफी वानी की और तीन मोहम्मद टिक्का खान की हैं।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के निवासी दो आतंकवादियों की संपत्तियों को एनआईए विशेष अदालत (जम्मू) के हालिया आदेश पर कुर्क किया गया है।
मामला 6 फरवरी 2018 को मेडिकल जांच के लिए श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी नवीद जट्ट उर्फ अबू हंजला को ले जा रहे पुलिस दल पर गोलीबारी के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस के दो कर्मियों की हत्या से जुड़ा था।
हमले में पाकिस्तानी मूल के एक आतंकवादी जट्ट को जबरन रिहा करा लिया गया था, जिसे दोनों आरोपियों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर अपने पाकिस्तान स्थित लश्कर कमांडरों के आदेश पर अंजाम दिया था। बाद में 2018 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में जट्ट मारा गया।
अधिकारी ने कहा, “लश्कर के ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में पहचाने जाने वाले वानी और खान की कुर्क की गई अचल संपत्तियों में जमीन के विभिन्न प्लॉट शामिल हैं। शफी का आवासीय घर भी कुर्क किया गया है।”
दोनों आरोपियों को 8 फरवरी 2018 को उनके पुलवामा स्थित घरों से गिरफ्तार किया गया था और उनके पास हथियार पाए गए थे।
एनआईए ने 3 अगस्त 2018 को उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और वे वर्तमान में एनआईए विशेष अदालत (जम्मू) के समक्ष आईपीसी, यूए (पी) ए और शस्त्र अधिनियम की कई धाराओं के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं।