राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस साल की शुरुआत में अमृतसर के छेहरटा में ठाकुरद्वारा सनातन मंदिर पर हुए ग्रेनेड हमले के सिलसिले में तीन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
मोहाली में विशेष एनआईए अदालत के समक्ष प्रस्तुत आरोपपत्र में एजेंसी ने 15 मार्च के हमले की साजिश और उसे अंजाम देने में उनकी भूमिका के लिए विशाल गिल, भगवंत सिंह और दीवान सिंह का नाम लिया।
गिल की पहचान उन दो बाइक सवार हमलावरों में से एक के रूप में हुई, जिन्होंने 15 मार्च की सुबह ग्रेनेड फेंका था। उसका साथी गुरसिदक सिंह दो दिन बाद पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।
अधिकारी के अनुसार, भगवंत सिंह ने हमले से पहले और बाद में, पनाह दी, हथगोले छिपाए, टोही के लिए मोटरसाइकिलों का इंतज़ाम किया और रसद सहायता प्रदान की। दीवान सिंह पर एक सह-अभियुक्त को पनाह देने और सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया है।
एक अन्य प्रमुख आरोपी शरणजीत कुमार को 5 सितंबर को बिहार के गया से गिरफ्तार किया गया। अधिकारी ने कहा, “उसके और फरार आरोपी बादलप्रीत सिंह के खिलाफ जांच जारी है, जिसके विदेश में होने की संभावना है।”
एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच में यूपीआई और एमटीएसएस चैनलों के माध्यम से विदेशी संचालकों से स्थानीय संचालकों तक आतंकी धन के हस्तांतरण का खुलासा हुआ है।
अधिकारी ने आगे कहा कि धन के स्रोत का पता लगाने, फरार लोगों की पहचान करने और मॉड्यूल के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। जांचकर्ताओं का मानना है कि यह पंजाब और अन्य स्थानों पर भय फैलाने और सांप्रदायिक वैमनस्य भड़काने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था।
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