पंजाब के गुरदासपुर जिले के रहने वाले जतिंदर को एनआईए ने इस मामले में 23 दिसंबर 2024 को मुंबई से गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने जांच के दौरान पाया था कि जतिंदर मध्य प्रदेश से पंजाब स्थित गैंगस्टरों को अवैध हथियारों की खरीद और आपूर्ति में शामिल था।
वह बटाला के जमीनी कार्यकर्ताओं को हथियारों की आपूर्ति में मदद कर रहा था, जो कि आतंकवादी लांडा का करीबी सहयोगी था।
बटाला के विदेश स्थित सहयोगी भारत में जतिंदर के संचालन का समन्वय कर रहे थे। पंजाब में बटाला के गुर्गों द्वारा बीकेआई की आपराधिक-आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
एनआईए की जांच में यह भी पता चला कि जतिंदर मध्य प्रदेश में एक जाने-माने हथियार आपूर्तिकर्ता बलजीत सिंह उर्फ राणा भाई से अवैध हथियार खरीदता था। बलजीत को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और एनआईए ने उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।
आरोपी पकड़े जाने से बचने के लिए वर्चुअल नंबर और एन्क्रिप्टेड एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर रहे थे।
एनआईए साजिश में लांडा के साथ-साथ नामित आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और उनके विदेश स्थित साथियों की भूमिका की जांच कर रही है।
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