राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को पंजाब में कनाडा स्थित आतंकवादी गोल्डी बराड़ के सहयोगियों से जुड़े विभिन्न स्थानों पर “जबरन वसूली और गोलीबारी मामले” की जांच के तहत छापेमारी की।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आतंकवाद रोधी एजेंसी ने सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ और उसके गिरोह के बारे में जानकारी के लिए लोगों से मदद भी मांगी है।
इसमें कहा गया है कि चंडीगढ़ में दर्ज जबरन वसूली और गोलीबारी के एक मामले के संबंध में एनआईए की टीमों ने बरार और उसके सहयोगियों से जुड़े कुल नौ स्थानों की तलाशी ली।
यह छापेमारी एनआईए द्वारा पिछले वर्ष जयपुर में करणी सेना प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में कथित संलिप्तता के लिए बरार और 11 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के एक दिन बाद की गई है।
एनआईए ने टेलीफोन नंबर भी जारी किए हैं, जहां लोग आतंकवादी और उसके सहयोगियों के बारे में जानकारी या गिरोह से प्राप्त किसी भी धमकी भरे कॉल का विवरण साझा कर सकते हैं।
एनआईए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जानकारी लैंडलाइन नंबर 0172-2682901 या मोबाइल नंबर 7743002947 (टेलीग्राम/व्हाट्सएप के लिए) पर साझा की जा सकती है।
इसमें कहा गया है कि सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
गुरुवार को की गई कार्रवाई चंडीगढ़ में एक पीड़ित के घर पर जबरन वसूली की मांग और गोलीबारी से संबंधित मामले में एनआईए की जांच का हिस्सा थी।
यह मामला मूलतः स्थानीय पुलिस द्वारा इस वर्ष 20 जनवरी को दर्ज किया गया था और एनआईए ने 18 मार्च को जांच अपने हाथ में ले ली थी।
जांच एजेंसी ने कहा, “आज की तलाशी मोहाली, पटियाला, होशियारपुर और फतेहगढ़ साहिब जिलों में की गई, जो भारत में आपराधिक-आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त व्यक्तिगत आतंकवादियों पर एनआईए की निरंतर कार्रवाई का हिस्सा है। डिजिटल उपकरणों सहित आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है।”
एनआईए ने कहा कि अब तक की जांच से पता चला है कि बरार ने राजपुरा (पंजाब) के गोल्डी के साथ मिलकर पंजाब, चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों के व्यापारियों से जबरन वसूली की मांग करके धन जुटाने की आपराधिक साजिश रची थी।
बयान में कहा गया है कि वे बरार द्वारा गठित आतंकवादी गिरोहों के सदस्यों को हथियार और गोला-बारूद भी मुहैया करा रहे थे।
इसमें कहा गया है, “वे मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्री तथा इन बिक्री से प्राप्त आय के लेन-देन में भी शामिल थे।”
एनआईए की जांच के अनुसार, बरार और उसके विदेश स्थित सहयोगी लगातार कमजोर युवकों को अपने गिरोह में भर्ती कर रहे थे, उनका इस्तेमाल जबरन वसूली के लक्ष्यों की पहचान के लिए कर रहे थे, वसूली के पैसे देने से इनकार करने वाले लक्ष्यों के घरों के सामने गोलीबारी कर रहे थे और उन्हें नशीले पदार्थों की खरीद-फरोख्त, हथियारों की तस्करी आदि में शामिल कर रहे थे।
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के प्रमुख सदस्य के रूप में भी जाने जाने वाले बराड़ ने 29 मई, 2022 को लोकप्रिय पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू, जिन्हें सिद्धू मूसेवाला के नाम से जाना जाता है, की हत्या की जिम्मेदारी ली थी।