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महाकुंभ भगदड़ के बाद निर्मोही अखाड़े का ऐलान नहीं करेंगे अमृत स्नान: महंत राजेंद्र दास

Nirmohi Akhara will not announce Amrit Snan after Mahakumbh stampede: Mahant Rajendra Das

प्रयागराज, 29 जनवरी । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बुधवार को महाकुंभ मेला क्षेत्र में मची भगदड़ के बाद निर्मोही अखाड़ा ने ऐलान किया है कि वह मौनी अमावस्या पर होने वाली अमृत स्नान में शामिल नहीं होंगे।

न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “जब सभी लोग अमृत स्नान के लिए जाने वाले थे, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में सुनने के बाद, हमारे अखाड़े के सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से एक स्वर से निर्णय लिया कि हम अमृत स्नान में भाग नहीं लेंगे। आगे प्रशासन द्वारा जो भी निर्देश होंगे, उसका पालन नहीं किया जाएगा। मैं प्रयागराज की धरती से धर्म प्रेमी जनता से अनुरोध करूंगा कि गंगा नदी में डुबकी लगाकर वह घर वापस लौटें। महाकुंभ का मेला अभी चालू है और आगे भी जारी रहेगा। इस दौरान सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वह प्रशासन का सहयोग करें। महाकुंभ में भगदड़ पर उन्होंने कहा कि इसके लिए किसी को दोष देना ठीक नहीं है। यह घटना दुखद है। मैं समझता हूं कि प्रशासन की तरफ से कोई कमी नहीं है। देश में लोग कुछ तरह के बयान दे रहे हैं, हो सकता है कि साजिश हो।”

बता दें कि गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के पवित्र संगम से लगभग एक किलोमीटर दूर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब बैरिकेड्स टूट गए और इसके कारण भीड़ में भगदड़ मच गई। लोगों के कुचलने से कई महिलाएं बेहोश हो गईं, और जैसे ही वे जमीन पर गिरीं, भगदड़ मच गई।

घायलों को तुरंत महाकुंभ मेला क्षेत्र के पास के अस्पताल में भेजा गया, जबकि कुछ गंभीर रूप से घायल महिलाओं को इलाज के लिए बेली अस्पताल और स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज भेजा गया। महाकुंभ में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डायवर्जन योजना लागू की गई और श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया।

मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान का बहुत आध्यात्मिक महत्व होता है, खासकर इस साल क्योंकि ‘त्रिवेणी योग’ का दुर्लभ खगोलीय संयोग है, जो हर 144 साल में एक बार होता है।

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