June 17, 2025
Uttar Pradesh

निशिकांत दुबे का इलाज आगरा पागलखाने में कराने की जरूरत : सुरेंद्र राजपूत

Nishikant Dubey needs to be treated in Agra mental asylum: Surendra Rajput

लखनऊ, 27 मई । भारत और पाकिस्तान के बीच हुए तनाव की वजह से भाजपा और कांग्रेस कई मुद्दों पर एक साथ तो कई मुद्दों पर एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करती नजर आई हैं। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा है।

सुरेंद्र राजपूत ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “हमारी सुरक्षा एजेंसियां बेहतरीन तरीके से काम कर रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों के काम पर किसी भी तरह की राजनीतिक टीका-टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। देश की बाह्य सुरक्षा का काम सेना करती है और आंतरिक सुरक्षा का काम सुरक्षा एजेंसियां करती हैं। हमारा स्पष्ट मानना है कि देश की सुरक्षा के लिए एजेंसियों को जो भी करना पड़े, वह उन्हें करने देना चाहिए। किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए और निष्पक्ष तरीके से सभी की जांच होनी चाहिए। राष्ट्र की सुरक्षा सर्वोपरी है।”

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे पर सुरेंद्र राजपूत ने कहा, “वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुके हैं। उनका इलाज आगरा के पागलखाने में हो सकता है। अगर कोई समझौता देश के खिलाफ है, तो आपने 2014 में क्यों नहीं तोड़ दिया?”

निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में भारत-पाकिस्तान में युद्ध के दौरान एक दूसरे को जानकारी देने के 1992 की कांग्रेस सरकार के समझौते का खुलासा किया है और राहुल गांधी से पूछा है कि 1992 में किसकी सरकार थी।

सुरेंद्र राजपूत ने कहा, “आज जब पाकिस्तान की बात होने लगती है, तो आप नेहरू की बात करने लगते हैं। पाकिस्तान को जवाब देने की बारी आती है, तो आपकी रगों में खून नहीं, सिंदूर दौड़ने लगता है। कभी व्यापार दौड़ने लगता है। (अमेरिकी राष्ट्रपति) डोनाल्ड ट्रंप को जवाब देने की औकात नहीं है। जब भारतीय सेना पीओके लेने और बलूचिस्तान को आजाद कराने के लिए तैयार थी। ऐसे में ट्रंप या किसी और के दबाव में आकर सीजफायर का समझौता कर लेते हैं और इन सवालों का जवाब न देना पड़े, इसके लिए राहुल गांधी, नेहरू और पुराने समझौतों की बात करने लगते हैं, कमियां निकालने लगते हैं।”

कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, “सरकार के भेजे गए प्रतिनिधिमंडल का हम पूर्ण समर्थन करते हैं, लेकिन मैं यह जरूर पूछना चाहूंगा कि जो तथ्य हमारे सांसद विदेशों में जाकर वहां के प्रतिनिधियों को बताएंगे, वह बात यहां लोकसभा और राज्यसभा में क्यों नहीं बताई गई ताकि देश के लोगों को भी सच्चाई का पता चल सके।”

सुरेंद्र राजपूत ने कहा, “नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल के दौरान 78 देशों की 123 यात्राएं कर चुके हैं, लेकिन जब पाकिस्तान के साथ तनाव हुआ, तो कोई भी देश भारत के साथ खुलकर खड़ा नहीं था। आखिर प्रधानमंत्री की यात्राओं का क्या लाभ हुआ कि हमें प्रतिनिधिमंडल भेजना पड़ रहा है।”

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