पटना, 26 सितंबर । जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्री अशोक चौधरी को गुरुवार को पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव मनोनीत कर विरोधियों को यह साफ संदेश दे दिया है कि उनकी अशोक चौधरी से कोई नाराजगी नहीं है।
दरअसल, नीतीश कुमार ने गुरुवार को बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी का जदयू में ओहदा बढ़ाते हुए राष्ट्रीय महासचिव बनाया है। अशोक चौधरी अपने एक एक्स पोस्ट को लेकर सुर्खियों में आए थे। इसके बाद उनके पोस्ट के अलग-अलग मायने निकाले जाने लगे।
कुछ लोग पोस्ट को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बढ़ती उम्र से जोड़कर अशोक चौधरी की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठा रहे थे। इस विवाद के बाद अशोक चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। उसके बाद कहा कि उन्होंने आज के दौर को लेकर पोस्ट किया है। अब जिसे जो मायने निकालने हैं, निकाल सकता है।
इस पोस्ट के बाद जदयू के कुछ नेता भी इशारों-इशारों में अशोक चौधरी पर तंज कर रहे थे। अशोक चौधरी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था, “बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए। एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना, छोड़ दीजिए।”
इसके दो दिन बाद ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी का कद पार्टी में बढ़ा दिया। अशोक चौधरी को राष्ट्रीय महासचिव बनाकर नीतीश कुमार ने स्पष्ट संदेश दिए हैं कि पार्टी में उनका कद और उनके संबंध पहले की ही तरह मजबूत हैं।
अशोक चौधरी को मुख्यमंत्री का करीबी माना जाता रहा है। ऐसे में नीतीश कुमार ने उनका कद बढ़ाकर तमाम अटकलों और विवादों पर विराम लगा दिया है। अशोक चौधरी ने 31 अगस्त को भूमिहारों को लेकर भी विवादित टिप्पणी की थी।
उनका कहना था कि मैं भूमिहार जाति को अच्छे से जानता हूं। जब लोकसभा चुनाव हुआ तो इस जाति के लोग नीतीश कुमार का साथ छोड़कर भाग गए। उनके बयान से जदयू ने किनारा कर लिया था। उन्हें नसीहत भी दी थी।
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