पंजाब में बाढ़ प्रभावित राज्य में पिछले 36 घंटों में किसी भी प्रकार की मानवीय क्षति नहीं हुई है, जिससे पंजाब और ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा कम होने से थोड़ी राहत मिली है।
1 अगस्त से 4 सितंबर तक 14 जिलों में 43 मौतें दर्ज की गईं। अब तक 21,929 लोगों को जलमग्न इलाकों से निकाला जा चुका है और 196 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 7,100 से ज़्यादा विस्थापित लोग रह रहे हैं। फ़ाज़िल्का ज़िले में सबसे ज़्यादा 2,548 लोग आश्रय में हैं, उसके बाद होशियारपुर (1,041), फिरोज़पुर (776) और पठानकोट (693) हैं।
कुल मिलाकर, 18 जिलों में 1.72 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुँचा है। 22 जिलों के कुल 1,948 गाँव प्रभावित हुए हैं, जिससे लगभग 3.84 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
केंद्र सरकार की टीमें वर्तमान में राज्य भर में स्थिति का आकलन कर रही हैं और कपूरथला और फिरोजपुर जैसे बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर रही हैं। कृषि, वित्त और ग्रामीण विकास सहित कई मंत्रालयों के अधिकारियों वाली ये टीमें केंद्र सरकार के लिए नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर रही हैं।
फाजिल्का में, अतिरिक्त उपायुक्त मंदीप कौर ने बताया कि 13,500 लोगों को बचाया गया है और 2,200 लोग वर्तमान में नौ सक्रिय आश्रय स्थलों में हैं। एनडीआरएफ की चार टीमें, सेना की दो इकाइयाँ और बीएसएफ की एक इकाई बचाव कार्यों में सहायता कर रही हैं। हालाँकि सतलुज सुरक्षा बांध में कोई दरार नहीं आई है, फिर भी प्रमुख स्थानों पर मज़बूती का काम जारी है।
अकेले फाज़िल्का में बाढ़ से 17,785 हेक्टेयर ज़मीन को नुकसान पहुँचा है और फसलों को ₹2.5 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। कई घर अभी भी पानी में डूबे हुए हैं, और पानी का स्तर कम होने के बाद ही पूरे नुकसान का आकलन शुरू होगा।
कमजोर वर्गों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सामाजिक सुरक्षा मंत्री बलजीत कौर ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में 479 बुजुर्गों की पहचान की गई है और जिला प्रशासन तथा रेड क्रॉस के माध्यम से सहायता प्रदान की जा रही है। राज्य द्वारा संचालित वृद्धाश्रमों में ज़रूरत पड़ने पर 700 वरिष्ठ नागरिकों को रखने की क्षमता है।
इस बीच, पड़ोसी राज्य हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित किसान मुआवजा पाने के लिए सरकारी पोर्टल के माध्यम से फसल नुकसान दर्ज करा सकते हैं।