नोएडा प्राधिकरण ने बकाया राशि जमा न करने वाले बिल्डरों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। प्राधिकरण ने दो प्रमुख रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) को जांच के लिए पत्र भेजा है। यह कार्रवाई लंबे समय से बकाया भुगतान न करने और बार-बार नोटिस के बावजूद अनदेखी करने के चलते की गई है।
जानकारी के अनुसार, सेक्टर-50 स्थित मैसर्स टीजीबी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और सेक्टर-143 स्थित मैसर्स किण्डल इन्फ्राहाइट्स लिमिटेड पर नोएडा अथॉरिटी का भारी भरकम बकाया है। मैसर्स टीजीबी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर करीब 75 करोड़ 96 लाख रुपए का भुगतान लंबित है, जबकि मैसर्स किण्डल इन्फ्राहाइट्स लिमिटेड पर लगभग 396 करोड़ 36 लाख रुपए की देनदारी है।
नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के मुताबिक, दोनों बिल्डरों को बकाया भुगतान के लिए कई बार नोटिस जारी किए गए। इसके बावजूद न तो पूरी राशि जमा की गई और न ही संतोषजनक जवाब दिया गया। लगातार नियमों की अनदेखी और प्राधिकरण के निर्देशों का पालन न करने के चलते अब मामले को आर्थिक अपराध शाखा के हवाले किया गया है, ताकि वित्तीय अनियमितताओं की गहन जांच की जा सके।
अधिकारियों का कहना है कि बकाया राशि समय पर जमा न होने से प्राधिकरण की विकास योजनाएं प्रभावित होती हैं। सड़कों, सीवरेज, जल आपूर्ति, पार्क और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास में यह धन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में बड़े बकायेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी हो जाती है।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब नोएडा अथॉरिटी ने इस तरह की कार्रवाई की हो। इससे पहले भी प्राधिकरण ने 7 अन्य बिल्डरों के खिलाफ दिल्ली स्थित ईओडब्ल्यू को पत्र लिखकर जांच की सिफारिश की थी। प्राधिकरण का कहना है कि नियमों का उल्लंघन करने और सरकारी बकाया दबाकर बैठने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। नोएडा अथॉरिटी ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि आगे भी यदि कोई बिल्डर बकाया भुगतान नहीं करता है, तो उसके खिलाफ इसी तरह की कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम न सिर्फ राजस्व की वसूली के लिए अहम माना जा रहा है, बल्कि इससे रियल एस्टेट सेक्टर में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद भी जताई जा रही है।

