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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जल्द मिल सकता है एरोड्रम लाइसेंस, दिसंबर में उड़ान का रास्ता साफ

Noida International Airport may soon get aerodrome license, paving the way for flights in December

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की उड़ान भरने की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बकास) द्वारा सुरक्षा उपकरणों की जांच रिपोर्ट मंगलवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को सौंपे जाने की उम्मीद है। यदि रिपोर्ट संतोषजनक पाई गई, तो डीजीसीए 4 दिसंबर को एयरपोर्ट को बहुप्रतीक्षित एयरोड्रम लाइसेंस जारी कर सकता है। इस लाइसेंस को हरी झंडी मिलते ही एयरपोर्ट के उद्घाटन का रास्ता लगभग साफ हो जाएगा।

एयरपोर्ट से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, लाइसेंस जारी होने के एक सप्ताह के भीतर एयरपोर्ट के शुभारंभ की संभावना है। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उद्घाटन की आधिकारिक तिथि अभी तय नहीं की गई है।

माना जा रहा है कि उद्घाटन समारोह मेगा इवेंट के रूप में आयोजित किया जाएगा, जहां प्रदेश और केंद्र सरकार के कई वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल होंगे। नायल (नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) के नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बकास) की टीम ने दो दिनों तक सुरक्षा तैयारियों की बारीकी से जांच की। निरीक्षण के दौरान कुछ तकनीकी कमियां चिन्हित की गई थीं, जिनके चलते सोमवार को एक बार फिर उपकरणों की गहन जांच की गई।

टीम ने स्क्रीनिंग सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, प्रवेश-नियंत्रण पॉइंट, बाहरी सुरक्षा घेरा, एंटी-हाईजैकिंग सिस्टम, बॉम्ब स्क्वायड, थ्रीडी रडार सहित सभी हाईटेक सुरक्षा उपकरणों का सूक्ष्म परीक्षण करके सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावी पाया और उसी आधार पर रिपोर्ट तैयार की है।

बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट के पहले चरण के अंतर्गत 1,334 हेक्टेयर क्षेत्र में रनवे, टैक्सीवे, टर्मिनल, पार्किंग सहित सभी निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इसके अलावा बैगेज हैंडलिंग सिस्टम, बोर्डिंग प्रोसेस, सिक्योरिटी स्क्रीनिंग और पैसेंजर मैनेजमेंट से जुड़े तकनीकी परीक्षण भी पूरी तरह सफल रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 27 नवंबर को एयरपोर्ट का निरीक्षण कर अधिकारियों को बचा हुआ कार्य जल्द पूरा करने और लाइसेंस प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। एयरपोर्ट पर पहले चरण में घरेलू उड़ानें और कार्गो सेवाएं शुरू की जाएंगी।

इसके बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और अन्य सुविधाओं को चरणबद्ध ढंग से जोड़ा जाएगा। एयरपोर्ट के शुरू होने से न केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के एयर ट्रैफिक बोझ को भी विभाजित करने में मदद मिलेगी और क्षेत्र में रोजगार व व्यावसायिक अवसरों में बड़ी वृद्धि होगी।

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