उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव आर्यका अखौरी ने शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाओं और व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत परखने के उद्देश्य से नोएडा के जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल परिसर में मौजूद विभिन्न व्यवस्थाओं का बारीकी से जायजा लिया और मरीजों व उनके तीमारदारों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं। निरीक्षण के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने विशेष सचिव को अपनी शिकायतें भी दर्ज कराईं।
निरीक्षण के क्रम में विशेष सचिव आर्यका अखौरी ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन काउंटर, मेडिकल स्टोर रूम समेत अन्य महत्वपूर्ण विभागों का निरीक्षण किया। इस दौरान सबसे प्रमुख शिकायत रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में हो रही देरी को लेकर सामने आई। मरीजों ने बताया कि सुबह से ही लंबी कतारें लग जाती हैं और रजिस्ट्रेशन में काफी समय लगने के कारण उन्हें डॉक्टर को दिखाने में परेशानी होती है। कई मरीजों ने यह भी कहा कि बुजुर्गों और गंभीर रूप से बीमार लोगों को लाइन में खड़े रहने में खास दिक्कत होती है।
अस्पताल प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना लगभग 3 से 4 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें से करीब 88 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन माध्यम से हो रहे हैं। इसके बावजूद ग्राउंड लेवल पर व्यवस्थाओं में कमी के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए विशेष सचिव आर्यका अखौरी ने रजिस्ट्रेशन काउंटरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए, ताकि मरीजों को लंबा इंतजार न करना पड़े। इसके साथ ही उन्होंने स्कैन एवं शेयर काउंटरों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए, जिससे डिजिटल प्रक्रिया को और सुचारु बनाया जा सके।
विशेष सचिव ने कहा कि सरकार का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाना है, लेकिन इसका लाभ तभी मिलेगा जब मरीजों को मौके पर उचित मार्गदर्शन और सहायता मिले। निरीक्षण के दौरान विशेष सचिव ने अस्पताल प्रशासन को यह भी निर्देश दिए कि पब्लिक की मदद और सहयोग के लिए वॉलंटियर तैनात किए जाएं। ये वॉलंटियर मरीजों को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, ओपीडी कक्ष, जांच काउंटर और दवाइयों की जानकारी देने में मदद करेंगे, जिससे भीड़ और अव्यवस्था पर नियंत्रण पाया जा सके।
आर्यका अखौरी ने स्पष्ट कहा कि मरीजों की सुविधा सर्वोपरि है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को जल्द से जल्द सुधारात्मक कदम उठाने और व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए।

