शिमला, गैर कृषक एकता मंच ने धारा 118 में बदलाव करने की मांग उठाई है। मचं का कहना है कि, प्रदेश में कई सालों से रह रहे गैर कृषकों को, कृषिकों की परिभाषा में जोड़ा जाए।
गैर कृषक एकता मंच के प्रधान गिरीश साहनी ने शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि, हिमाचल में लघु उद्योग व सरकारी नौकरी कर रहे लोगों को गैर कृषिकों की परिभाषा में रखा गया है। जिसके कारण वह हिमाचल में कहीं भी जमीन नहीं खरीद सकते हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि, धारा 118 में बदलाव कर उन्हें कृषिकों की परिभाषा में जोड़ा जाए, ताकि उनके अधिकार मिल सके। मंच ने आरोप लगाया है कि, सरकार की ओर से धारा 118 में समय समय पर बदलाव किए गए है, लेकिन इस दौरान कभी भी गैर कृषकों के हितो का ध्यान नहीं रखा गया है।
प्रदेश में रहने वाले हजारो गैर कृषकों के अधिकारों का हनन हो रहा है। गैर कृषक मंच ने का कहना है कि, सरकार की ओर से 10 अक्टूबर 1975 को धारा 118 की नियमावली में बदलावा किए गए हैं। लेकिन इस दौरान प्रदेश में रहने वाले गैर कृषकों को अनदेखा किया गया। इसके बाद भी समय समय पर धारा में संशोधन किया गया, लेकिन हर बार लघु एंव सीमांत उद्योगों वाले लोगों को गैर कृषकों की परिभाषा दी गई, जिसके कारण उनके अधिकारों का हनन होता रहा।
उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग है कि, धारा 118 में बदलाव कर प्रदेश में लघु व्यवसाय करने वाले हजारों कृषकों को कृषिकों की परिभाषा में लाया जाए, जिससे उन्हें उनका हक मिल सके। उनका दावा है कि गैर कृषक सिर्फ नगर निगम व नगर परिषद क्षेत्र के अंदर ही जमीन खरीद सकते हैं, जबकि यह इनका दायरा काफी सीमित हैं। ऐसे में अगर लघु व्यवसायिों को गैर कृषक की परिभाषा में जोड़ा जाता है, तो गैर प्रदेश के हजारों गैर कृषकों को उनके अधिकार मिलेंगे।
Leave feedback about this