सोल, दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने इस सप्ताह बड़े पैमाने पर संयुक्त हवाई अभ्यास शुरू किया। यह जानकारी दक्षिण कोरिया की वायुसेना ने गुरुवार को दी। यह अभ्यास उत्तर कोरियाई खतरों के खिलाफ तैयारी बढ़ाने की दोनों देशों की संयुक्त कोशिश का हिस्सा है।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को दक्षिण कोरिया के अलग-अलग एयपरपोर्ट पर 12 दिवसीय ‘फ्रीडम फ्लैग’ अभ्यास शुरू हुआ।
दक्षिण कोरिया के एफ-35ए स्टील्थ फाइटर्स और एफ-15के, के साथ-साथ यूएस एफ-35बी, एफ-16 और एमक्यू-9 ड्रोन सहित लगभग 110 विमान शामिल हुए।
रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स भी केसी-30ए मल्टी-रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के साथ अभ्यास में शामिल होगी।
पहली बार आयोजित होने वाला ‘फ्रीडम फ्लैग’, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच नियमित रूप से होने वाले बड़े पैमाने के हवाई अभ्यासों की जगह लेगा
बता दें उत्तर कोरिया सोल और वाशिंगटन के संयुक्त सैन्य अभ्यास का विरोध करता आया है।
यह संयुक्त अभ्यास ऐसे समय में किया जा रहा है जब सोल और वाशिंगटन की तरफ से रूस में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती के दावे किए जा रहे हैं। व्हाइट हाउस के अधिकारी के मुताबिक 3000 हजार सैनिक रूस पहुंचे हैं।
योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका का आकलन पेश किया कि प्योंगयांग ने अक्टूबर के प्रारम्भ से मध्य तक की अवधि में इन सैनिकों को जहाज से रूस भेजा। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वाशिंगटन को अभी तक यह नहीं पता है कि सैनिकों का मिशन क्या है?
किर्बी के मुताकि उत्तर कोरियाई सैनिक वर्तमान में तीन रूसी साइट्स पर बुनियादी युद्ध की ट्रेनिंग ले रहे हैं।
अमेरिका का विश्लेषण सोल की प्रमुख खुफिया एजेंसी के आकलन से मेल खाता है, जिसके अनुसार लगभग 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस भेजा गया और दिसंबर तक कुल 10,000 सैनिकों की तैनाती की उम्मीद है।
इस बीच, रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने उत्तर कोरिया सैनिकों को लेकर दक्षिण कोरिया के खुफिया विश्लेषण को ‘फर्जी खबर’ बताकर खारिज कर दिया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर सोल यूक्रेनी संकट में शामिल होता है तो उसे ‘सुरक्षा परिणाम’ भुगतने पड़ सकते हैं।