चंडीगढ़, 18 जनवरी
धूरी स्थित भगवानपुरा चीनी मिल के प्रबंधन ने कहा है कि मिल के आसपास गन्ने की फसल का क्षेत्रफल घटने से मिल चलाना अव्यवहारिक हो गया है।
पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां द्वारा आज यहां बुलाई गई बैठक के दौरान चीनी मिल के अधिकारियों ने कहा कि इसे चलाना असंभव है। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि अगर मिल को 35 लाख क्विंटल गन्ना प्राप्त होता है, तो ही पेराई कार्य उनके लिए व्यवहार्य होगा। इस वर्ष केवल 1,860 एकड़ में गन्ना बोया गया है, जिससे गन्ने का उत्पादन केवल पांच लाख क्विंटल हुआ है।
बैठक में धूरी के गन्ना उत्पादक किसानों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे, जिनमें जसविंदर सिंह और हरजीत सिंह भी शामिल थे, जो इस सीजन में चीनी मिल बंद होने का विरोध कर रहे हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा उन्हें आश्वासन दिया गया कि गन्ना उत्पादकों द्वारा उत्पादित गन्ने को पिराई के लिए मुकेरियां, बुढेवाल और अमलोह चीनी मिलों में भेजा जाता रहेगा। धूरी से दो लाख क्विंटल गन्ना पहले ही तीन मिलों को पेराई के लिए भेजा जा चुका है, जबकि गन्ना पेराई सत्र का एक तिहाई हिस्सा ही पूरा हुआ है।
धूरी मिल हाल के वर्षों में बंद होने वाली राज्य की दूसरी निजी चीनी मिल है। जरनैल सिंह वाहिद के स्वामित्व वाली फगवाड़ा चीनी मिल ने भी चीनी उत्पादन बंद कर दिया था, हालांकि अब यह फिर से गन्ना पेराई कर रही है।