गाजा सिटी, इजरायल की ओर से इजाजत मिलने के बाद लाखों लोग उत्तरी गाजा में लौट चुके हैं। हालांकि लोगों को घर लौटने पर ‘विनाश के अलावा कुछ नहीं’ मिल रहा है।
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक तीन लाख से अधिक जबरन विस्थापित फिलिस्तीनियों ने15 महीने की जंग के बाद, उत्तरी गाजा में प्रवेश कर लिया है। हालांकि उनके घर में खंडहरों तब्दील हो गए हैं।
गाजा में इजरायली हमलों ने गाजा के लगभग पूरे 2.3 मिलियन लोगों को विस्थापित कर दिया। कई लोगों को बार-बार, [कुछ को तो 10 से भी अधिक बार], विस्थापित होने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
इससे पहले इजरायल ने हजारों विस्थापित फिलिस्तीनियों को अपने घर लौटने से रोक दिया था। शनिवार रात से बढ़ी संख्या में गाजावासी सड़कों पर उतर आए और गाजा जाने का इंतजार करने लगे। घर जाने की कोशिश में कर रहे एक फिलिस्तीनी युवक इजरायली बलों ने गोली मार कर हत्या कर दी गई जबकि कुछ अन्य लोग घायल हो गए थे।
यह पूरा विवाद दरअसल इजरायली नागरिक अर्बेल येहुद की रिहाई को लेकर पैदा हुआ। शनिवार को जब दूसरी बार कैदियों की अदला बदला हुई तो लगा कि घटनाक्रम युद्धविराम समझौते की शर्तों के मुताबिक ही घट रहा है लेकिन अचानक इजरायल की एक घोषणा ने सबकुछ बदल दिया।
हमास ने शनिवार को चार इजरायली महिला सैनिकों को रिहा किया, बदले में इजरायल ने 200 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया।
इसके बाद इजरायल ने ऐलान किया कि वह गाजावासियों को उत्तरी गाजा पट्टी में तब तक प्रवेश नहीं करने देगा, जब तक कि नागरिक अर्बेल येहुद की रिहाई के लिए व्यवस्था नहीं हो जाती।
इजरायल के अनुसार, हमास ने सभी जीवित नागरिक महिला बंदियों से पहले महिला बंधक सैनिकों को रिहा करके समझौते का उल्लंघन किया है।
हालांकि रविवार रात को इजरायल ने घोषणा की कि गाजा में हमास के साथ युद्ध विराम और बंधक समझौते पर विवाद सुलझ गया है। हमास इस हफ्ते दो बैचों में छह बंधकों को रिहा करेगा। वहीं यहूदी राष्ट्र ने सोमवार सुबह से नेत्जारिम कॉरिडोर के जरिए सैकड़ों हज़ारों विस्थापित गाजावासियों को अपने घर लौटने की अनुमति दे दी।
इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार नागरिक अर्बेल येहुद, सैनिक अगम बर्गर और एक अन्य बंधक को गुरुवार को रिहा किया जाएगा, जबकि तीन अन्य बंधकों को शनिवार को रिहा किया जाएगा।