N1Live Uttar Pradesh अब यूपी के हर गांव का बच्चा ‘शुभांशु शुक्ला’ बनेगा, योगी सरकार अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की पौध कर रही तैयार
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अब यूपी के हर गांव का बच्चा ‘शुभांशु शुक्ला’ बनेगा, योगी सरकार अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की पौध कर रही तैयार

Now every child of every village in UP will become 'Shubhanshu Shukla', Yogi government is preparing saplings of space scientists

लखनऊ, 8 जुलाई । योगी सरकार ने प्रदेश के हर ब्लॉक के बच्चों को अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। योगी सरकार प्रदेश में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की पौध तैयार करने के लिए ब्लॉक स्तर पर सरकारी स्कूलों में एस्ट्रो लैब्स तैयार कर रही है।

सीएम योगी के निर्देश पर वर्तमान में प्रदेश के कई जिलों के ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में पीपीपी मॉडल पर एस्ट्रो लैब बनकर तैयार भी हो गई हैं, जहां बच्चे केवल किताबों से ही नहीं, बल्कि टेलीस्कोप समेत अन्य उपकरणों के जरिए अंतरिक्ष के रहस्यों से रूबरू हो रहे हैं। ऐसे में वह दिन दूर नहीं, जब प्रदेश का हर बच्चा शुभांशु शुक्ला की तरह अंतरिक्ष की उड़ान भर सकेगा और अपने सपनों को पंख दे सकेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और तकनीक-समर्थ शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। सीएम योगी के इसी विजन को एस्ट्रो लैब्स साकार कर रही है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र अंतरिक्ष, प्रकाश, गुरुत्वाकर्षण जैसे जटिल सिद्धांतों को समझ पा रहे हैं। योगी सरकार ने इस एस्ट्रो लैब्स को ‘अमृत काल लर्निंग सेंटर्स’ का नाम दिया है। इसे पीपीपी मॉडल पर तैयार किया जा रहा है।

सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के कई ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में एस्ट्रो लैब्स बनकर तैयार हैं। यहां बच्चों का डॉबसोनियन टेलीस्कोप, पीआर हेडसेट, माइक्रोस्कोप और मानव शरीर रचना मॉडल जैसे अत्याधुनिक उपकरणों के जरिए ज्ञान बढ़ाया जा रहा है। इतना ही नहीं शिक्षकों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम, वीडियो गाइड और मेंटरशिप की व्यवस्था की गई है ताकि बच्चों को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़ा जा सके।

बलिया के जिलाधिकारी मंगला प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप बलिया के सभी 17 ब्लॉकों में विज्ञान एवं खगोलशास्त्र प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह लैब्स बच्चों को अनुभव आधारित और जिज्ञासा-आधारित शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।

बलिया के सीडीओ ओजस्वी राज ने बताया कि एस्ट्राे लैब्स को स्थापित करने में 2.5 से 3 लाख रुपए का खर्च है। इसमें उपकरण और शिक्षकों का प्रशिक्षण भी शामिल है। इन सभी लैब्स को पीपीपी मॉडल पर स्थापित किया गया है। एस्ट्रो लैब्स के माध्यम से बच्चों में जिज्ञासा और वैचारिक स्पष्टता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। अब वे सवाल पूछने लगे हैं, आकाश को टकटकी लगाकर देखने लगे हैं और ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने के लिए लालायित हैं। प्रदेश के गांव के बच्चे भी अब नासा और इसरो में जाने के अपने सपनों को पंख दे रहे हैं।

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