N1Live Uttar Pradesh अब सिर्फ नागा साधु ही नहीं, महाकुंभ की व्यवस्थाओं का अध्ययन भी कर रहे विदेशी पर्यटक
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अब सिर्फ नागा साधु ही नहीं, महाकुंभ की व्यवस्थाओं का अध्ययन भी कर रहे विदेशी पर्यटक

Now not only Naga Sadhus but also foreign tourists are studying the arrangements of Mahakumbh.

महाकुंभ नगर, 14 फरवरी । इस बार महाकुंभ में विदेशी सैलानियों की रुचि में बड़ा बदलाव देखा गया है। पहले जहां विदेशी पर्यटक नागा साधुओं और उनके रहस्यमय जीवन को जानने के लिए आते थे, वहीं इस बार वे महाकुंभ की स्वच्छता, यातायात व्यवस्था और संपूर्ण आयोजन प्रबंधन का अध्ययन करने भी आ रहे हैं।

इस बार मेले में पहले से कहीं ज्यादा विदेशी सैलानी पहुंचे और उन्होंने भारतीय संस्कृति को नजदीक से देखा और अनुभव किया।

अग्नि अखाड़े के सचिव महामंडलेश्वर संपूर्णानंद जी ने बताया कि इस बार कई देशों से विदेशी पर्यटक प्रयागराज आए हैं। उन्होंने यहां ब्रह्मचारी जीवन और गृहस्थ जीवन के अंतर को करीब से जाना और समझा। अब विदेशी सैलानी सिर्फ नागा साधुओं के जीवन को देखने नहीं आ रहे, बल्कि वे महाकुंभ की व्यवस्थाओं और सनातन संस्कृति का गहराई से अध्ययन करने भी आ रहे हैं।

अफ्रीका के घाना देश से आए जितेंद्र सिंह नेगी (उच्चायोग अफेयर्स, घाना) ने बताया कि उनके पूर्वज भारत से घाना गए थे और पहली बार प्रयागराज आकर उन्हें सनातन धर्म की अद्भुत जानकारी मिली।

उन्होंने कहा, “हमने पहली बार गुरुजी (अग्नि अखाड़ा महामंडलेश्वर संपूर्णानंद जी) से मुलाकात की और सनातन धर्म के गूढ़ रहस्यों को समझा। हमारे साथ 16 अन्य प्रतिनिधि भी आए, जिन्होंने भारतीय संस्कृति को गहराई से जाना।”

इसी क्रम में विदेशी सैलानी अंकिता उपाध्याय ने बताया, “हमने महाकुंभ के बारे में जो सुना था, उससे कहीं अधिक यहां आकर देखा और महसूस किया। व्यवस्थाओं की सुगमता और संगम की आध्यात्मिक ऊर्जा ने हमें नई अनुभूति दी है।”

महाकुंभ नगर प्रशासन के अनुसार, महाकुंभ 2025 में अब तक 50 से अधिक देशों के सैलानी आ चुके हैं और आगे भी बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना है।

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