हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) पेंशनर्स फोरम की स्थानीय इकाइयों ने रविवार को राज्य उपाध्यक्ष पवन मोहल की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस बैठक में नूरपुर, जवाली, फतेहपुर, गंगथ, इंदौरा और कोटला इकाइयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें पेंशन से संबंधित बकाया राशि के प्रबंधन को लेकर बोर्ड के रवैये पर गहरा असंतोष देखा गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोहल ने जनवरी 2016 और मार्च 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों और अधिकारियों को संशोधित वेतनमान लाभ जारी करने में विफल रहने के लिए एचपीएसईबीएल प्रबंधन की निंदा की। उन्होंने आगे बताया कि संशोधित ग्रेच्युटी और अवकाश नकदीकरण भी वितरित नहीं किया गया है, जिससे पेंशनभोगियों में व्यापक निराशा फैल रही है।
मंच ने सेवा युक्तिकरण की आड़ में स्वीकृत पदों को समाप्त करने के बोर्ड के फैसले की भी आलोचना की। सदस्यों ने बताया कि राज्य भर में विभिन्न श्रेणियों में 12,000 से अधिक स्वीकृत पद रिक्त हैं, जिससे परिचालन अक्षमताएं बढ़ रही हैं।
एक अन्य प्रमुख चिंता यह थी कि अन्य राज्य विभागों में लागू होने के बावजूद एचपीएसईबीएल में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू नहीं किया गया।